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अवर्षा से किसान परेशान ..
सरकार को आया ध्यान
हुआ मुआवज़े का ऐलान
गाँव में आया तहसीलदार
किसी को दिए तीन तो किसी को पांच हज़ार ...
हमारा दुखियारा रहमदिल किसान
मुआवजा पाकर हो गए हैरान ?
देर शाम बिछी पीपल के नीचे बिछायत
निभाई गई हुक्का-पान-बीढ़ी रिवायत
सबने सिरपंच के आदेश पे सौ सौ रूपए किए जमा
फिर सोचने लगे “बड्डा- जा है खरचहैं कहाँ ..?”
एक बोला यहाँ .. दूसरा बोला न बब्बू .. वहां
सरपंच बोला – कल्लू जा रहो है राजधानी
बाहै लग है खर्चा-पानी ......
गाँव वालों ने जमा रूपए कल्लू के किये हवाले
ले कल्लू दान कर या खाले ...
कल्लू दिल्ली पहुंचा – रास्ते में सोनिया जी के हुए दर्शन
भरे रुंधे गले से किया भक्ति भाव का प्रदर्शन ...
सोनिया जी ने पास बुलाया ... उसे अच्छे दिन का भरोसा दिलाया
सोनिया जी , ये लीजिये हमारे गाँव में मुआवजा बटा है
सबने इकट्ठा कर मुझे दिया है ..... मैं आपको दे रहा हूँ ...
फसल खराब होने का दर्द किसान ही जानते हैं .......
सह दुखिया के दर्द को हम पहचानते हैं ......
“फसल” तो आप की भी खराब हुई है हम क्या सारी दुनिया वाले
जानते हैं !!
गिरीश बिल्लोरे “मुकुल”