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बुधवार, अप्रैल 08, 2015

बाजू उखड़ गया जबसे, और ज्यादा वजन उठाता हूं

जागरण जंक्शन साईट पर "स्त्री-दर्पण ब्लॉग"  पर  प्रकाशित ये कहानी रोंगटे खड़े करने में सहायक है 
हौसले की ऐसी कहानी सुनकर अनायास ही दिमाग में यह पंक्तियां कौंध उठती हैं - मंजिले उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है

यह कहानी है अमेरिका की टेक्सास प्रांत की निवासी क्रिस्टल कांटू की. क्रिस्टल कांटू पर दुष्यंत कुमार का यह शेर  एक बाजू उखड़ गया जबसे, और ज्यादा वजन उठाता हूं
शब्दशः सही बैठता है. क्रिस्टल वेटलिफ्टर हैं और एक कार दुर्घटना में अपना एक हाथ गंवा चुकी हैं. इसके बावजूद भी उनके हौसले पस्त होने की बजाय बुलंद हैं. क्रिस्टल अब पहले से कहीं अधिक भार उठाती हैं जो यह साबित करता है कि ताकत दरअसल इंसान के शरीर में नहीं बल्कि उसकी आत्मा में वास करती है.


25 साल की क्रिस्टल एक हाथ से 210 पाउंड का भार अपने सर से उपर उठा लेती हैं. अब वे जिम में पहले से कहीं अधिक वर्जिश करती हैं. दरअसल पिछले साल अगस्त में वे अपने बॉयफ्रेंड डेनियल क्यूएट के साथ अपने गृहनगर टेक्सास के सैन एंटोनियो के बाहर कार ड्राइव कर रहीं थी कि अचानक टायर फट गया. डेनियल को तो कुछ नहीं हुआ पर क्रिस्टल का हांथ बुरी तरह दब गया. उन्हें हवाई जहाज से अस्पताल ले जाया गया. 
क्रिस्टल कहती हैं, “ मैने अपने हांथ को देखा और सोचा ठीक है यह देखने में बेहद बुरा लग रहा है पर मेरी जिजीविषा जाग उठी थी. मैने खुद से प्रश्न किया अब आगे क्या किया जाए?”
 क्रिस्टल आगे कहती हैं जब मैं अस्पताल पहुंची तो सर्जन ने मुझे बताया कि मेरा हांथ काटना पड़ेगा. मैं कुछ देर तक सोचती रही फिर कहा- ठीक है अगर इससे मेरी जान बचती है तो काट दो”“उस दिन के बाद एक दिन भी ऐसा नहीं गुजरा जब मैने अपने हांथ के बारे में न सोचा हो.
क्रिस्टल जो क्रॉस फिट विधा का अभ्यास करती हैं जिसमें वेटलिफ्टिंग के अलावा जिमनास्टिक और कार्डियो भी शामिल रहता है अपने एक्सीडेंट के तीन सप्ताह के भीतर वापस जिम में पहुंच गई. 
क्रिस्टल कहती हैं कि मैं खुद आश्चर्यचकित हूं कि लोग मुझसे प्रेरणा ले रहे हैं. यह सुनकर बेहद अच्छा लगता है कि विश्वभर में लोग मेरी मिशाले दे रहें है. मेरी वजह से कई लोग जिम जाने के लिए प्रेरित हो रहें है.
सचमुच हौसले की ऐसी विलक्षण कहानियां विरले ही देखने को मिलती हैं. भारत की अरुणिमा सिन्हा ने भी हौसले की कुछ ऐसी ही मिशाल कायम की है. इस पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी ने कुछ बदमाशों से लड़ते हुए अपना एक पांव भले हीए गंवा दिया पर इससे उनके हौसले पर कोई फर्क नही पड़ा. एक पांव होने के बावजूद अरुणिमा ने माउंट एवरेस्ट फतह करने में कामयाबी हासिल की. अरुणिमा की योजना विश्व की सात अन्य चोटियों को फतह करने की है.


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