5.9.14

चैनल V के दिल दोस्ती डांस में नवोदित सितारा : आशुतोष बिल्लोरे


 खरगौन जिले के भीकनगांव कस्बे में बतौर  पंडित राजेंद्र बिल्लोरे अपने बेटे को किसी ऐसे अच्छे प्रोफ़ेशन में डालना चाहते थे जिससे बेटे को आर्थिक-समृद्धि एवम  सामाजिक तौर पर  प्रतिष्ठा दे सके. सामान्यरूप से ऐसा मंज़र आम मध्य-वर्ग परिवारों में होता है. किंतु  पिता माता ने आशुतोष की कला को सर्वोपरि रखा और 11वीं के बाद कला-साधना को साधन और अवसर देने के लिये इंदौर जाने की अनुमति दे दी. जहां उन्हैं बी.काम. की पढ़ाई के साथ साथ पर्फ़ार्मिंग कला के विस्तार के अवसर मिले. मध्य-प्रदेश टेलेंट शो, मलवा कला अकादमी, डांस इंडौर डांस, आइ.आइ.एम इन्दौर, डांश का महा संग्राम जैसी प्रतियोगिताओं में बेहद प्रसंशा एवम अव्वल स्थान अर्जित किये. इंदौर में ही जावेद जाफ़री, गीता कपूर, धर्मेष  कुंवर अमर, जैसी हस्तियों ने आशुतोष की कला साधना को सराहा और सतत साधना जारी रखने की सलाह दी.
        आशुतोष ने भारतीय और विदेशी शैली में नृत्य एवं अभिनय को अपनाया. पर अपने जन्म भूमि भीकनगांव में कला-साधकों के लिये लगातार कई शार्ट-टर्म-कोर्स, वर्कशाप आयोजित कीं.
        भीकनगांव के स्कूल शिक्षक का बेटा जब मायानगरी गया तब उसके साथ संकल्प थे , संघर्ष था और थी आत्मविश्वास की पोटली. “दिल दोस्ती डांस” के आडिशन में उसे स्किल्ड कलाकार के रूप में देखा और तुरंत  आफ़र कर दिया. अब तक आशुतोष बिल्लोरे के चैनल v पर छै से अधिक एपीसोड टेलिकास्ट हो चुके और शूटिंग जारी हैं.
आशुतोष का मानना है- “अभी आगे और भी आसमान हैं.. संघर्ष और साधना” से ही उन तक पहुंचा जा सकता है.
जबलपुर से जुड़ाव है आशुतोष का
आशुतोष जबलपुर से जुड़े हैं. उनके मामा श्री विकास टेमले एवम मेरे परिवार से करीबी रिश्ता रखने वाली इस प्रतिभा ने जबलपुर में अपने प्रतिभा-प्रदर्शन का आश्वाशन दिया है.
               आशुतोष का संकल्प है कि वे कोरियोग्राफ़ी को करियर के रूप में आगे अपनाएंगे.


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मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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