डिंडोरी वासियों का विनम्र आभार जिनके सहयोग से दो वर्ष से अधिक समय बाल विकास परियोजना अधिकारी डिंडोरी के पद पर सफलता पूर्वक कार्य कर सका
आभार उन सबका भी जिनने मुझे मार्गदर्शन दिया
उन सबका भी आभार जो मेरे काम में बाधा पैदा करते रहे और मैं नए नए निर्बाध रास्ते खोजता रहा रास्ते मिले भी और मुझे रास्ते खोजने का तरीका भी मिला । इस कवायद में मेरे कार्य कौशल में इजाफा ही हुआ है
दोस्तों आपका आभार जो मुझसे बायस थे पर अब किसी भी कारण से स्तब्ध हैं शायद अब समझ गए होगे कि सूचनाओं के आधार पर राय कायम करना मूर्खता होती है ।
उन व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक तौर पर चुगलखोरों का विशेष का आभार जो आदतन निंदा कर मेरे सचेतक बने तथा एक्सपोज़ हुए बड़ी आसानी से । ऐसे आस्तीन वाले सहयोगियों को विश्वास करना होगा कि दीवारों के कान फूटे नहीं आज भी दीवारें सुनतीं हैं सुनातीं है।
आभार उन कुछ कलमकारों के जो ये साबित कर पाए कि भिखारी किसी भी रूप में हो भिखारी होता है ।
आभार उन मूर्खों का जो बताने में सफल हुए कि वे निरे मूर्ख हैं वरना गलत पहचान का दोष मेरे माथे होता ।
जो मित्र दफ्तर दफ्तर भिक्षा वृत्ति करने निकलते हैं उनको मेरी एक मात्र सलाह है कि ब्लैकमेलिंग और व्यवस्था सुधार में ज़मीन आसमान का फर्क है ।
उन स्नेहियों का आभार जो वास्तव में जीवनरूपी नर्मदा की पवित्रता का अर्थ समझते हैं तथा पवित्र हैं भी
आभार उन सबका भी जिनने मुझे मार्गदर्शन दिया
उन सबका भी आभार जो मेरे काम में बाधा पैदा करते रहे और मैं नए नए निर्बाध रास्ते खोजता रहा रास्ते मिले भी और मुझे रास्ते खोजने का तरीका भी मिला । इस कवायद में मेरे कार्य कौशल में इजाफा ही हुआ है
दोस्तों आपका आभार जो मुझसे बायस थे पर अब किसी भी कारण से स्तब्ध हैं शायद अब समझ गए होगे कि सूचनाओं के आधार पर राय कायम करना मूर्खता होती है ।
उन व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक तौर पर चुगलखोरों का विशेष का आभार जो आदतन निंदा कर मेरे सचेतक बने तथा एक्सपोज़ हुए बड़ी आसानी से । ऐसे आस्तीन वाले सहयोगियों को विश्वास करना होगा कि दीवारों के कान फूटे नहीं आज भी दीवारें सुनतीं हैं सुनातीं है।
आभार उन कुछ कलमकारों के जो ये साबित कर पाए कि भिखारी किसी भी रूप में हो भिखारी होता है ।
आभार उन मूर्खों का जो बताने में सफल हुए कि वे निरे मूर्ख हैं वरना गलत पहचान का दोष मेरे माथे होता ।
जो मित्र दफ्तर दफ्तर भिक्षा वृत्ति करने निकलते हैं उनको मेरी एक मात्र सलाह है कि ब्लैकमेलिंग और व्यवस्था सुधार में ज़मीन आसमान का फर्क है ।
उन स्नेहियों का आभार जो वास्तव में जीवनरूपी नर्मदा की पवित्रता का अर्थ समझते हैं तथा पवित्र हैं भी