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मंगलवार, जुलाई 22, 2014

आम का अचार तैयार करने का सही समय है ये ...



बाबूजी का निर्देशन जारी रहा
प्रभू सलामत रखियो
आम का   अचार बनाने का ये सही  वक्त है. बारिश के बाद  नमी भरा वातावरण बाबूजी की पहल और बहुत से इंतज़ामात चाहिये ही चाहिये. आम काटना अब एक द्विराष्ट्रीय संबंधों जैसी समस्या हो चुकी है. अर्र न अब ये समस्या इत्ती बड्डी नहीं कि हम परेशान हों. सच तो जे है कि अब आम काटने वाले लोग आराम से बाज़ार में मौज़ूद हैं. बस हमको साफ़ सफ़ाई एवम शुद्धता का ख्याल रखना है.
      हां तो आम का अचार बनाने से पेश्तर ईश्वर और ईश्वर तुल्य पूर्वजों को हाज़िर नाज़िर मान कर ये पुनीत कार्य संपादित होना था.

बहन जी आम की सफ़ाई करते
फ़ोटो हैंचवाने को तत्पर 
जीजा श्री का अविश्मरणीय
अवदान
. सो हुआ. प्रभू के सामने कटी हुई कैरी का भोग लगाया गया ताक़ि निर्माण-कार्य में कोई अनावश्यक आपदा न आ जाए. उधर हमारे जीजाश्री जिनकी पृष्ट्भूमि ग्रामीण है ने मसाला तैयार करने में खुल के मदद की. हमारी बहन जी श्रीमति वंदना जोशी कटे हुए आमों की स्वच्छता तय कर रहीं तो  सुआ पंखी साड़ी में हल्का सा पल्लू ढांक श्रीमति बिल्लोरे मसाले  का भली प्रकार मिश्रण कर रही थीं. पल पल बाबूजी से प्राप्त निर्देशों अनुदेशों एवं स्वर्गीया मां सव्यसाची के साथ अचार बनने बनाने के संस्मरण खूब याद आए. किसी की आंखें नम हुईं तो कोई ये बहाना करता नज़र आया कि-"भई, बस ज़रा मसाला आंख में पड़ गया.. चिंता न करें ठीक हो जाएगा. "  

"लौंजी" के निर्माण
की विधि फ़िर कभी  

साल भर का बंदोबस्त
जो करना है..
 इस बीच बहन जी ने खास प्रकार का अचार जो तल कर बनाया जाता है तैयार कर दिया. इसे  "लौंजी" कहते हैं. उधर मूल अचार की तैयारी जारी है. पूरा विधि विधान से  अचार निर्माण ज़ारी था. 
आखिर क्या बात है इस अचार में खास 
        बेशक, नर्मदांचल के भुआणा, मालवा, खंडवा, (निमाड़) के अंचल में बसे  दूरस्थ ग्रामों यह खास प्रकार का अचार बनता है. इसकी राई भी जैविक या गोबर की खाद के साथ उगाई जाती है. अचार बेहद स्पाइसी एवं झंनाटेदार होता है. इसे खाने वाला एक बार खाए तो दीवाना हो जाता है. मेरे लंच बाक्स से तो कई दफ़ा इस अचार की चोरी और डकैती मेरे मित्र कर चुके हैं.. क्या करें स्वाद  कमाल का हो तो री और डकैती कौन रोकेगा.. बताईये भला. 
                                           
                                              अचार की रैसिपी 100 आम के अचार के लिये 

सामग्री

  • आम - 100 
  • राई की दाल - चार किलोग्राम
  • नमक -          दो या तीन किलोग्राम
  • मिर्च (लाल ) का पावडर 750 ग्राम से 1 किलोग्राम तक
  • हल्दी पावडर   200 ग्राम
  • ज़ीरा  - 100 ग्राम
  • हींग   - 10 ग्राम
  • तेल   - 4-5 लीटर
  • पानी - शुद्ध तीन लीटर 

लीजिये
तैयार हूं 
न न अभी नहीं एक हफ़्ते बाद
स्वाद तो निखरने दीजिये 
      विधि
       सबसे पहले आम को बराबर भाग में काट कर उसे साफ़ किया जावे, समानांतर में सारे बर्तनों को स्वच्छता के सारे मापदंड अपना कर स्वच्छ करें. चीनी मिट्टी की बरनी को भी साफ़ सुथरा कर उसमें हींग की धुनी दें. 
      तदुपरांत तेल को मैथी के 30-40 दानों के साथ गर्म करें, तब तक दूसरा सहयोगी पहले से तैयार राई-दाल, नमक, मिर्च-पावडर, मैथी-पावडर, हल्दी-पावडर, जीरा, हींग, आदि को आपस में मिक्स कर के एक उपयुक्त परात में रखें , तैयार मसाले पर हल्का-गर्म तेल  (कुनकुना-तेल) डाला जाए. फ़िर लगभग दस से पंद्रह मिनिट तक तेल और महाले का मिश्रण तैया किया जावे. 
      तैयार मिश्रण में थोड़े थोड़े आम के टुकड़े डाले जावें. .. तदुपरांत शुद्ध पानी डाला जावे..
अचार को अब प्रभू को अर्पित कर तुरंत चीनी के मर्तबान में पैक किया जावे  आपको इस अचार के चटखारे लेना है तो कम से कम एक हफ़्ता इंतज़ार अवश्य करना होगा ..  तुरंत खाने से पेट में हड़कम्प मच सकता है...
  अब देखिये.. एक और विधि 


के सौजन्य से एक और अचार की रेसिपी
आम का हींग वाला अचार Mango Pickle with Asafoetida

सामग्री
  1. §        किलो कच्चा आम
  2. §        चम्मच हल्दी पाउडर
  3. §        चम्मच हींग पाउडर
  4. §       चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  5. §        कप सरसों का तेल
  6. §       चम्मच पीसी हुई सरसों
  7. §       चम्मच नमक
बनाने की विधि (How to make mango Pickle)

1.   कच्चे आम को अच्छी तरह धोकर छील लें और छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें
2.   कटे हुए टुकडो को 2 घंटे धूप में सुखा दे जिससे उसका सारा पानी सूख जाये.
3.   अब इन टुकड़ों में हल्दी और नमक मिलाकर एक कांच की बरनी में भर दे 
4.   और बरनी के मुह पर एक कपडा बंद के 3-4 दिनों के लिए धूप में रख दे.
5.   तीन चार दिनों के बाद इस अचार में पिसी हुई हींगलाल मिर्च पाउडर और पिसी हुई सरसों मिला के अच्छे से हिला से जिससे मसाले अचार में मिल जाये.
6.   एक कप तेल मिला के फिर से  3-4 दिनों के लिए धूप में रख दे.
7.   एक हफ्ते में यह अचार तैयार हो जाता है


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