6.6.14

“जबलपुर संभाग में सुपोषण लाने जिला स्तर पर बने एक्शन प्लान की पड़ताल “


जबलपुर में जून 2014 को आयोजित
बैठक मैराथन बैठक में जिलों नें रखीं कार्य योजनाएं प्रमुख सचिव महिला बाल विकास, श्री बी आर नायडू, आयुक्त जबलपुर संभाग श्री दीपक खांडेकर, कलेक्टर श्री विवेक पोरवाल (जबलपुर), श्रीमति छवि भारद्वाज़, (डिंडोरी) श्री लोकेश जाटव,(मंडला) बी. किरण गोपाल (बालाघाट), भरत यादव (नरसिंहपुर),  सहित सभी जिलों के कलेक्टर्स, मुख्य कार्यपालन अधिकारी छिंदवाड़ा  के अलावा राज्य स्तर से आये अधिकारी संयुक्त संचालक श्री महेंद्र द्विवेदी, उपसंचालक  श्री दीपक संकत, श्री विशाल मेढ़ा, सहायक संचालक श्री आनंद शिवहरे, श्री गोविंद सिंह रघुवंशी, श्री हरीश माथुर, श्री पियूष मेहता,  श्री बालमुकुंद शुक्ला, उपस्थित थे.

बाल विकास कार्यक्रम के मिशन मोड में आने के बाद  कुपोषण को समाप्त कर सुपोषण लाने की कार्ययोजना जिला स्तर पर बनायी जायेगी। इसके लिए समुदाय आधारित प्रयासोंपोषण आहार कार्यक्रम को प्रभावी और शाला पूर्व शिक्षा को असरदार बनाने के निर्देशप्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास श्री बी.आरनायडूसंभागायुक्त दीपक खांडेकर और आयुक्त आई.सी.डी.एस नीलम शम्मी राव द्वारा जबलपुर में आयोजित संभागीय समीक्षा बैठक में जिला कलेक्टर्स द्वारा प्रस्तुत कार्ययोजना की समीक्षा की गई. 
बैठक में संभाग के जिलों के कलेक्टर्समहिला एवं बाल विकासविभाग के जिला स्तरीय अधिकारी,परियोजना अधिकारीस्वास्थ्यविभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारीसंयुक्त संचालकस्वास्थ्य और भोपाल से आये अधिकारी मौजूद थे।
जिला कलेक्टर्स द्वारा अपने जिले की शिशु एवं पोषण विकासकार्ययोजना प्रस्तुत की गयी। मंडला जिले की सूचना प्रौद्योगिकीआधारितडिंडौरी जिले के समुदाय आधारित प्रस्तावोंछिंदवाड़ा  जिले केसमुदाय स्वास्थ्य अन्य विभिन्न क्षेत्रों के समन्वय पर आधारित तथाकटनी जिले की स्वास्थ्य आधारित कार्ययोजना को विशेष सराहना मिली। संभाग के अन्य जिलों की कार्ययोजनाओं को सराहा गया। सभीकार्ययोजनायें जिले की परिस्थिति और जरूरत को देखते हुए तैयार कीगयी थीं।
आयुक्त आईसीडीएस ने सुपोषण अभियान के अच्छे परिणामबताये। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार कर पोषणप्रदान करने की शुरूआत कर दी जानी चाहिए। जन्म के साथ ही सुपोषणके लिए सभी जरूरी प्रयासों को करना जरूरी है। इसके लिए स्वास्थ्यविभाग के साथ बेहतर समन्वय स्थापित कर कार्य करना होगा। जन्मलेने वाले हर बच्चे का पंजीयन एवं पोषण का रिकार्ड होना चाहिए।जबलपुर संभाग में संभागायुक्त दीपक खांडेकर द्वारा तीनों विभागों केसंयुक्त प्रयास से हुए सर्वे से कार्य योजना बनाने में मिली सहूलियत काउल्लेख किया गया। कुपोषित बच्चों के चिन्हांकननियमित वजन लेने,वजन लेने वाली मशीन की उपलब्धता की जरूरत रेखांकित की गयी।
बैठक में कहा गया कि शिशु के पोषण के साथ जरूरी है कि शालापूर्व शिक्षा पर भी ध्यान केंद्रित किया जाए। बाल चौपाल में अभिभावकों केसाथ चर्चा एवं जागरूकता की जरूरत रेखांकित की गयी। आंगनवाड़ी केंद्रोंके भवन के लिए बजट आवंटन पर चर्चा हुई।
प्रमुख सचिव श्री नायडू ने बताया कि महिला एवं बाल विकासविभाग द्वारा मुख्यमंत्री सामुदायिक क्षमता विकास कार्यक्रम शुरू कियाजा रहा है। जिसका उद्देश्य समाजसेवी गुण वाले व्यक्तियों में क्षमताविकास कर उन्हें अवसर प्रदान करना है। इस कार्यक्रम से उनके द्वारा किएगए कार्य को पहचान मिलेगी तथा रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। बताया गयाकि यह तीन वर्ष का प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा। जिसमें प्रशिक्षणार्थियों कोविश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा। हर जिलेके लिए निर्धारित सीट में 18 से 45 वर्ष अवस्था तक की 75 प्रतिशतमहिलायें तथा 25 प्रतिशत पुरूष आवेदन कर सकेंगे। चयन कलेक्टर द्वाराचयन प्रक्रिया अपना कर किया जाएगा। यह कार्य जून-जुलाई माह मेंसंपन्न होगा। योजना का पूरा विवरण स्वास्थ्य एवं महिला एवं बालविकास विभाग के सूचना पटल पर चस्पा किया जाएगा।
   प्रमुख सचिव श्री नायडू ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने भीख मांगनेवाले बच्चों के लिए चिंता व्यक्त की है इस हेतु खुले आश्रय-गृह की स्थापना पर बल देते हुए नायडू ने कहा कि भारत सरकार ने प्रत्येक स्ट्रीट  बच्चे पर एक लाख रुपए व्यय करेगी . जिला कलेक्टर्स यथा शीघ्र एन.जी.ओ अथवा रेडक्रास सोसायटी से प्रस्ताव भेजें ताक़ि भारत सरकार को स्वीकृति के लिये प्रस्ताव भेजे जा सकें.   
                 बदलेगा लाड़ली लक्ष्मी का स्वरूप
प्रमुख सचिव महोदय ने कहा कि –“लाड़ली लक्ष्मी योजना के  स्वरूप को बरकरार रखते हुए सरकार अब कुछ ऐसे परिवर्तन करने जा रही है जिससे अट्ठारह साल बाद लाड़ली को मैट्रिक पास होने के बाद परिपक्कवता निधि प्राप्त हो सकेगी, योजना में लम्बित आनलाइन फ़ीडिंग का कार्य समय रहते पूर्ण कर लिया जावे ताकि सरलीकरण के साथ योजना के लाभ से कोई भी बालिका लाभ से वंचित न रह सके.  ”
डिंडोरी मंडला, छिंदवाड़ा, कटनी की कार्ययोजनाएं चर्चित रहीं . 

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