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सोमवार, फ़रवरी 17, 2014

रोज़ एक जन्म लेता हूँ

हर रोज़ जन्मता हूँ
ज़रूरी है रोज़ जन्मना
फिर हौले हौले बड़े  होने का
एहसास करना ।
कभी लगता है
एक बार फिर
बचपन आ गया
रोज़िन्ना भयभीत हो जाता हूँ
जब ये आभास होता है
कि मै
केवल एहसास कर सकता हूँ

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