मिड-डे मील से 22 बच्चों की मौत, |
गुणवत्ता और स्वच्छ्ता के मापदण्डों की अनदेखी का परिणाम है बिहार. मूल रूप से मिड डे मील व्यवस्था को निरापद बनाने के लिये ज़रूरी है कि सरकारें केवल स्वच्छ्ता और गुणवत्ता से क़तई समझौता न करे. वरना बिहार का यह मन्ज़र आम हो जाएगा. सरकारों को इसकी गुणवत्ता बनाए रखने के लिये ज़रूरी है कि व्यवस्था पर सूक्ष्म चिंतन करे
व्यवस्था में सुधार के सुझाव
व्यवस्था में सुधार के सुझाव
- निरापद एवम सुरक्षित पाक़शाला - किसी भी खाद्य पदार्थ के निर्माण के लिये निरापद एवम सुरक्षित पाक़शाला का होना अनिवार्य है. जिसके अभाव में स्तरीय आहार व्यवस्था की कल्पना करना एक स्वप्न मात्र है.
- स्वच्छता एवम गुणवत्ता - स्वच्छता एवम गुणवत्ता के संदर्भ में आमूल-चूल परिवर्तन बेहद आवश्यक है. कठोर नियमों को लचीला बनाते हुए प्रूडॆंट-शापिंग प्रणाली को महत्व देने की ज़रूरत है. आहार निर्माण के लिये वांछित कच्चे माल की खरीददारी जिला अथवा अनुभाग स्तर पर किसी खाद्य-विशेषज्ञ की मदद लेकर ही की जानी चाहिए .साथ ही पाकशाला में स्वच्छता के मापदंडों की अनदेखी भी ऐसी घटनाओं की आवृत्ति करा सकती हैं .
- सामाजिक दखल - समुदाय की सकारात्मक दखल के बगैर व्यवस्था में सुधार की अपेक्षा भी बेमानी है.समुदाय के पाजिटिव व्यक्ति अच्छी तरह से कार्य करने का प्रेशर बना सकते हैं .
- खाद्य-अपमिश्रण क़ानून के तहत सतत कार्रवाई करना भी ज़रूरी है.
- प्रबंधकीय ज्ञान .का अभाव भी इस अव्यवस्था के लिए ज़वाबदेह है. जिसे दूर करना आवश्यक है.
- उत्तरदायित्व निर्धारण .सामूहिक रसोई के प्रबंधन से लेकर हर छोटी बड़ी व्यवस्था में उत्तरदायित्व का पूर्व से निर्धारण आवश्यक है .