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शनिवार, अक्तूबर 08, 2011

बेटी बचाओ अभियान : बालाघाट में स्मृति ईरानी को जन सैलाब ने किया भावुक

जबलपुर में बेटी बचाओ अभियान के सफ़ल आयोजनों की खबरें लगातार मिल रही है .. इस बीच बालाघाट से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार स्मृति इरानी ने की उपस्थिति से अभूतपूर्व रहा शुभारम्भ समारोह 

बेटियाँ मातृ शक्ति हैं, इनका संरक्षण समाज और देश के अस्तित्व के लिये जरूरी है। बालाघाट में बेटी बचाओ अभियान का शुभारंभ करते हुए सांसद श्रीमती स्मृति ईरानी ने कहा कि मध्यप्रदेश ने जन-कल्याण की ऐसी योजनाएँ बनाई हैं जिसे सारे राष्ट्र ने न केवल सराहा है बल्कि अपनाया भी है। इस मौके पर समारोह के आयोजक सहकारिता एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन भी उपस्थित थे। इस अवसर पर बेटियों वाले माता-पिता को सम्बल कार्ड वितरित किये गये।

श्रीमती स्मृति ईरानी ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार केवल बेटी बचाने का काम ही नहीं कर रही है बल्कि उसने बेटी को लक्ष्मी के रूप में पूजने की परम्परा शुरू की है और उसे अपने पैरों पर खड़े होने में मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि बेटियाँ तो मातृ शक्ति हैं। एक सक्षम माँ ही बेटी को बचाने में अहम भूमिका निभा सकती है और उसका भविष्य उज्जवल बना सकती है। श्रीमती ईरानी ने कहा कि म.प्र. देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने महिला सशक्तिकरण की दिशा में कार्य करते हुए लाड़ली लक्ष्मी योजना, गाँव की बेटी योजना और मुख्यमंत्री कन्यादान जैसी योजनाएँ बनाई हैं। म.प्र. की इन योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जा रहा है। म.प्र. के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जन-हितैषी योजनाओं के बल पर प्रदेश में अपनी पहचान मामा के रूप में बनाई है। प्रदेश की जनता ने भी उन्हें एक राजनेता के रूप में नहीं बल्कि समाज नेता के रूप में अपनाया है। श्रीमती ईरानी ने कहा कि महिलाएँ ही परिवार को एक सूत्र में बाँधती हैं। महिलाओं को मौका मिले तो वह समाज को भी एक नई दिशा देने में सक्षम होंगी। दशहरा पर्व की शुभकामनाएँ देते हुए उन्होंने कहा कि हम सभी ये संकल्प करें कि भ्रष्टाचार रूपी रावण का अंत करके ही दम लेंगे।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं सहकारिता मंत्री श्री बिसेन ने उपस्थित जन-समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि बेटी है तो समाज का आने वाला भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। कन्या की भ्रूण हत्या का पाप न करें, बल्कि बेटी के जन्म को सौभाग्य मानते हुए कन्यादान का पुण्य कमायें। बालाघाट जिले में केवल बेटियों वाले माता-पिता को सम्बल कार्ड दिया जा रहा है। जिससे ऐसे दम्पत्ति बेटा न होने के कारण स्वयं को असहाय महसूस न करें।
मुलना स्टेडियम बालाघाट में आयोजित कार्यक्रम में सभी व्यक्तियों द्वारा संकल्प लिया गया कि वे बेटी के जन्म में बाधा नहीं बनेंगे और बेटी को साक्षर बनाकर उसे सक्षम भी बनायेंगे। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा कन्याओं के चरण धोकर उनकी पूजा की गई। इस कार्यक्रम में केवल बेटियों वाले दम्पत्तियों को सम्बल कार्ड प्रदान किये गये। कार्यक्रम में कक्षा 10वीं की परीक्षा में प्रदेश में प्रथम आने वाली बालिका कुमारी आरुषी पारधी, लांजी की बालिका कुमारी जागृति यादव को लेपटाप व 11 हजार रुपये की पुरस्कार राशि का चेक प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में स्व-प्रेरणा से गाँव के बच्चों के लिये स्कूल चलाने वाली पायल लिल्हारे तथा खुरमुंडी के छात्रावास में रहकर कक्षा 7वीं की पढ़ाई करने वाली बिना हाथों वाली बालिका कुमार जमुना को 5-5 हजार रुपये की सहायता राशि के चेक प्रदान किये गये।


बेटी बचाओ अभियान के अंतर्गत कटंगी, मलाजखंड एवं लांजी में भी कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिले में केवल बेटियों वाले माता-पिता जिन्होंने एक या दो बेटी के बाद नसबंदी आपरेशन करा लिया है को सम्बल कार्ड प्रदान किये गये। बालाघाट प्रदेश का ऐसा पहला जिला है जहाँ पर सम्बल कार्ड प्रदान कर केवल बेटियों वाले माता-पिता को बेटा न होने पर असहाय महसूस नहीं होने दिया जायेगा।


 



















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