प्रस्तुत है एक कविता डॉ. हरिवंशराय बच्चन जी की ---
21.8.11
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4 टिप्पणियां:
अदभुत वाह
Lajawaab rachna hai ... Abhaar....
अद्भुत प्रस्तुति!!! अर्चना चावजी जी का बहुत आभार!!
बहुत बढ़िया....
मैं हूँ उनके साथ खडा...
जो सीधी रखते अपनी रीढ़...
आज सबको अपनी रीढ़ सीधी रखने की ही आवश्यकता है....
बच्चन जी को नमन...
इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए...
अर्चना चाव जी का आभार
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