एक रचना सतीश सक्सेना जी के ब्लॉग से
सतीष सक्सेना
यह दर्द उठा क्यों दिल से है
यह याद कहाँ की आई है !
लगता है कोई चुपके से
दस्तक दे रहा चेतना की
वे भूले दिन बिसरी यादें
क्यों मुझे चुभें शूलों जैसी
लगता कोई अपराध मुझे
है, याद दिलाये करमों की
सतीष सक्सेना