2.4.11

चैतन्य की शिकायत--- है कोई हल किसी के पास???



 आज मिलिये चैतन्य से...सुनिए चैतन्य की शिकायत...निकालिए कोई हल....



ये रही डा० मोनिका शर्मा की पोस्ट
डा०मोनिका शर्मा
कहाँ मैं खेलूं चहकूं गाऊं
आप बङों को क्या समझाऊं
बोलूं तो कहते चुप रहो
चुप हूं तो कहते कुछ कहो
कोई राह सुझाओ तो.... मैं क्या करूं, मैं क्या करूं.........?(पूरा पढ़िये)

___________________
परवाज़.....शब्दो... के पंख

10 टिप्‍पणियां:

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

चैतन्य की भावनाओं को स्वर देकर आपने और भी सुन्दर बना दिया।
आभार

दीपक 'मशाल' ने कहा…

Waah(Chaitanya ke liye), waah(Monika ji ke liye), waah(ye ab aapke liye.. :)

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

थैंक यूं अर्चना आंटी .... ढेर सारा प्यार आपको...

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

सुन्दर..

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत सुन्दर

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

हार्दिक आभार अर्चना जी इन शब्दों को जीवंत बनाने के लिए...... बहुत बहुत धन्यवाद

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

कहाँ मैं खेलूं चहकूं गाऊं.....कोई राह सुझाओ तो...


चैतन्य जी आपका मेरे घर में स्वागत है...यहां मम्मी जी की डांट या रोक-टोक का डर नहीं रहेगा...ये शरद मौसी का प्रॉमिस है।

संध्या शर्मा ने कहा…

चैतन्य की भावनाएं और अर्चनाजी आपकी आवाज दोनों ही बहुत सुन्दर...आभार..

Satish Saxena ने कहा…


अले चैतन्य यार....
अर्चना आंटी के घर में भी वही पुरानी समस्या लिए बैठे हो :-) अच्छा सुनों ....

अपने घर में, चहको गाओ
आओ मिलकर धूम मचाओ
मस्त हंसी चेहरे पर पाकर
बड़े लोग, हँसना सीखेंगे !
चैतन्या की हंसी देखकर, इस घर से चिंताएं भागें !
एक खिलखिलाहट के बदले सारे घर में रौनक आये !

रश्मि प्रभा... ने कहा…

चैतन्य तुम तो छाये हुए हो ... इत उत ... जित देखो उधर . अर्चना आंटी ने तो गजब ही ढा दिया न चैतन्य ? इनकी आवाज़ है ही मीठी ... खेलो,पढो-मस्त रहो

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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