सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Wow.....New
धर्म और संप्रदाय
What is the difference The between Dharm & Religion ? English language has its own compulsions.. This language has a lot of difficu...
-
सांपों से बचने के लिए घर की दीवारों पर आस्तिक मुनि की दुहाई है क्यों लिखा जाता है घर की दीवारों पर....! आस्तिक मुनि वासुकी नाम के पौरा...
-
संदेह को सत्य समझ के न्यायाधीश बनने का पाठ हमारी . "पुलिस " को अघोषित रूप से मिला है भारत / राज्य सरकार को चा...
-
मध्य प्रदेश के मालवा निमाड़ एवम भुवाणा क्षेत्रों सावन में दो त्यौहार ऐसे हैं जिनका सीधा संबंध महिलाओं बालिकाओं बेटियों के आत्मसम्मान की रक...
11 टिप्पणियां:
नमस्कार, भाई आप से लाईव केसे बात करे कोई रास्ता तो बतलाओ
बहुत बढ़िया मज़ेदार। राजीव जी के घर पे संदेश ने पहुँच कर क्या क्या किया ? बतलाया जावे। nice. शास्त्रीजी का कॉम्बो पैक बहुत उम्दा लगा। सभी के सूट के साथ बूट फब रहे हैं। क्या कहना। आवाज़ सेट होने में बहुत टाइम वेस्ट हो गया लगता है मगर उसमें भी आनंद आ गया। हमने दोपहर के लंच पर उसी समय गक्कड़-भर्ता-दाल फिर प्राप्त किया। मधुपजी, के अलावा और भी लोगों से मुलाक़ात अच्छी रही।
बहुत बहुत आभार इसे दिखाने के लिये .
गिरीश विल्लोरे मुकुल जी का बहुत-बहुत आभार!
जो कार्य लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी सम्भव नहीं था वह आपने सहज ही समपन्न कर दिया
धन्यवाद लाईव प्रसारण दिखाने के लिये।
भाई, आपने ब्लोगिंग को जीवंत किया और गति दी...बधाई..!
विनत आभार
कमियों गलतियों की ओर नि:संकोच ईंगित कीजिये ताकि सुधार करूं
नि:संदेह गिरीश जी और अविनाश जी इस समारोह में तकनीकी की नयी मिसाल कायम की है, इन्हें कोटिश: शुभकामनाएं !
मैं तो ब्लॉगजगत का नन्हा ब्लोगर हूँ , किन्तु अपने को पहली बार इस समारोह में आदरणीय रवीन्द्र प्रभात जी जैसे व्यक्तित्व के आकर्षण में विल्कुल वेसुद्ध खोया हुआ पाया !
रवीन्द्र जी के बारे में जितना सुना था उससे कहीं ज्यादा विनम्र, सहृदय, आत्मीय, मृदुभाषी और आदर्श व्यक्तित्व के धनी हैं वे ! कार्यक्रम के दौरान जिसप्रकार हिंदी भाषा और साहित्य के विकास में ब्लोगिंग की भूमिका विषय पर उन्होंने लगभग आधे घंटे बोला और वहां बैठे श्रोता मंत्रमुग्ध होकर सुन रहे थे सबकी जुबान से बस यही फूट रहा था कि यार हिंदी ब्लोगिंग में ऐसे भी लोग हैं, विल्कुल इनसाक्लोपीडिया !
मेरी तो ब्लोगिंग सार्थक हो गयी आदरणीय रवीन्द्र प्रभात जी, अविनाश जी, सुमन जी, राजीव तनेजा जी, पद्म सिंह जी, केवल राम जी, शास्त्री जी जैसे प्रबुद्ध ब्लोगरों के सानिध्य का सुख पाकर !
सचमुच, यह सब अविस्मरणीय था!
bhai anand aa gaya ...
एक टिप्पणी भेजें