बदल दो व्यवस्था की बयार फिर मनाओ हर बरस ये त्यौहार

  अर्चना जी के स्वर में  प्रेरक गीत  =>                                                              
 भारतीय जन
तुम प्रभावों से हटकर                                                           
अभावों से  डटकर
करो  मुक़ाबला.
उन्हैं लगाने दो मेले
करने दो व्यक्ति पूजा
ये उनका पेशा है
तुमने कभी कोई ज़िन्दा-इन्सान देखा है ?
मैं तुमको इस पर्व की शुभ कामनाएं कैसे दूं
मुर्दों से
संवादों  की ज़ादूगरी से अनभिज्ञ
पर यह जानता हूं कि
तुम इनके नहीं
शहीदों के ऋणी हो
ये भिक्षुक तुम इनसे धनी हो
बदल दो व्यवस्था की बयार
फिर मनाओ हर बरस ये त्यौहार
इनके पीछे मत भागो
जागो समय आ गया है
जागने का जगाने का 
ज़िंदा हो इस बात का आभास दिलाओ     
मैं शुभकामना की मंजूषा लिए  खड़ा
शायद तुमको ही
दे दूं  " शुभकामनाएं"
अभी तो शोक मना लूं
यशवंत सोनवाने का


टिप्पणियाँ

Anjana Dayal de Prewitt (Gudia) ने कहा…
इनके पीछे मत भागो
जागो समय आ गया है
जागने का जगाने का
ज़िंदा हो इस बात का आभास दिलाओ
मैं शुभकामना की मंजूषा लिए खड़ा
शायद तुमको ही
दे दूं " शुभकामनाएं"

bahot umda!
वाह बहुत सुंदर गान है।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

आभार
प्रासंगिक विचार ...सार्थक रचना
गणतंत्र दिवस की मंगलकामनाएं
Udan Tashtari ने कहा…
आनन्द आ गया सुनकर...

गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामना
बहुत सुन्दर गीत। आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
VIVEK VK JAIN ने कहा…
उन्हैं लगाने दो मेले
करने दो व्यक्ति पूजा
ये उनका पेशा है
तुमने कभी कोई ज़िन्दा-इन्सान देखा है?
achhi lines lekin sapne haqiqat me badalne me vaqt lagega.
बहुत सुंदर ....
.गणतंत्र दिवस की मंगलकामनाएं
सुंदर प्रस्तुति. गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें और बधाई
मनीष सेठ ने कहा…
bahut sunder prastuti archanaji aur girishji dhanyvad ke saath gantantr divas ki shubhkamnaye

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