![[Photo+on+2010-12-07+at+21.29.jpg]](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgKVuWwHBIpspZlfhO7BAtZbWF2_CJlWh6DEtn8_WgX_cPUYFGbwnfWLyHquWSwlp7DJ-ePfjfGNY5U67iZAzGywDy2LNIFSs8cURopeT2-RAhIQXPaUDhRA71VqVul7E92fqBi8uW_bw8/s220-rw/Photo+on+2010-12-07+at+21.29.jpg)
अंजना(गुड़िया) जी का आलेख यहाँ पढ़ें
किसी तकरार को दरार ना बनने देना
मेरी गलती पे चाहे जितना डांट देना,
पर अगली बार मिलो जो मुझसे,
बस एक बार दिल से मुस्कुरा देना
रंजिश ने हज़ारों दिलों में कब्रिस्तान बनाये हैं,
तुम अपने दिल में दोस्ती को धड़कने देना
बात होगी हो बात पे बात निकलेगी,
किसी तकरार को दरार ना बनने देना
नफरत, कड़वाहट, खुदगर्ज़ी नहीं मंज़ूर मुझे,
इन में से किसी की भी ना चलने देना
कुछ तो है जो हमारे खून का रंग मिलता है,
इसमें मज़हब-ओ-सरहदों का रंग ना मिलने देना