आज फिर गाने लगा है गीत कोई
खुल गये सहसा ह्रदय के बन्द द्वारेकोई प्रतिध्वनि मौन ही रह कर पुकारे
और सुर अंगनाईयां आकर बुहारे
आ गई फिर नींद से उठ आँख मलती रात सोई आज फिर गाने लगा है गीत कोई (आगे पढ़ने के लिये यहां क्लिक कीजिए)
यही गीत श्री राकेश खण्डेलवाल जी के ब्लाग से साभार पाडकास्ट
गीतकार:राकेश खण्डेलवाल
स्वर:अर्चना चावजी आलेख : गिरीश बिल्लोरे