22.10.10

बात निकलेगी तो---देवेन्द्र की आवाज में

 सुनिए एक नज़्म---(आभार शरद जी का सुधार करवाने के लिए....मगर संगीत कहाँ से लाउं???)

8 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत बढि़या!
--
आनन्द आ गया!

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

अति आनंदित करने वाली पोस्ट

रानीविशाल ने कहा…

Very Nice

शरद कोकास ने कहा…

इसॅक़ॆ साथ संगीत होता तो और मज़ा आता - और यह गज़ल नही है भाई इसे नज़्म कहते हैं ।

Archana Chaoji ने कहा…

शुक्रिया शरद जी,अब सुधार कर लिख दिया है...

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

वाह बहुत अच्छी प्रस्तुति.....

निर्मला कपिला ने कहा…

बहुत बढिया, देवेन्द्र जी को बधाई।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत खूब ... अच्छी आवाज़ देवेन्द्र जी ...

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

Wow.....New

अलबरूनी का भारत : समीक्षा

   " अलबरूनी का भारत" गिरीश बिल्लौरे मुकुल लेखक एवम टिप्पणीकार भारत के प्राचीनतम  इतिहास को समझने के लिए  हमें प...

मिसफिट : हिंदी के श्रेष्ठ ब्लॉगस में