बात निकलेगी तो---देवेन्द्र की आवाज में

 सुनिए एक नज़्म---(आभार शरद जी का सुधार करवाने के लिए....मगर संगीत कहाँ से लाउं???)

टिप्पणियाँ

अति आनंदित करने वाली पोस्ट
शरद कोकास ने कहा…
इसॅक़ॆ साथ संगीत होता तो और मज़ा आता - और यह गज़ल नही है भाई इसे नज़्म कहते हैं ।
Archana Chaoji ने कहा…
शुक्रिया शरद जी,अब सुधार कर लिख दिया है...
वाह बहुत अच्छी प्रस्तुति.....
बहुत बढिया, देवेन्द्र जी को बधाई।
बहुत खूब ... अच्छी आवाज़ देवेन्द्र जी ...

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