3.10.10

अवकाश आवेदन

पूज्य एवम प्रियवर
सादर-अभिवादन
विगत कई माहों से शासकीय कार्य दबाव एवम अत्यधिक कार्य से मुझे ब्लागिंग के साथ न्याय करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.यह कार्य  न तो उचित है और न ही इसे मान्य किया जावेगा. चिंतन उर्जा विहीन ब्लाग लिखने की  चिंता से  लिखी गई पोस्ट का स्तर कैसा होगा आप सब जानते हैं. आपसे एक माह तक दूर रहूंगा यद्यपि अर्चना चावजी मिसफ़िट पर तथा दिव्य-नर्मदा वाले आचार्य संजीव वर्मा सलिल भारत-ब्रिगेड पर आते रहेंगे उनको आपका स्नेह मिलेगा मुझे यक़ीन है. 
आपको मेरी याद आये तो मेल ज़रूर कीजिये
सादर
गिरीश बिल्लोरे मुकुल

10 टिप्‍पणियां:

राज भाटिय़ा ने कहा…

आप की छुट्टी मंजुर हुयी,राम राम

दिगम्बर नासवा ने कहा…

जीवन के कार्य पहले हैं .. ब्लॉगिंग बाद में .... ब्रेक की बाद आपसे फिर मुलाकात होगी ...

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

छुट्टी मंजूर हुई,
लेकिन आपातकाल में छुट्टियाँ रद्द की जा सकती हैं।
सेवा शर्तों के अनुसार:)

Udan Tashtari ने कहा…

Thik hai email karenge ji. :)

शरद कोकास ने कहा…

हम कौन होते है भाई आपका आवेदन स्वीकार करने वाले । आप तो कहो मेरी मर्ज़ी ।

बेनामी ने कहा…

मंजूर***


***नियम व शर्तें लागू

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

नियम शर्तें ? पाबला जी

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

पाबला जी, ब्लाग बांचना जारी रहेगा शर्तॆं जी हिडन शर्तैं मान्य है
ललित भाई ब्लाग से अवकाश लिया है गौर से देखिये वार्ता और टिपियाने से कहां लिखा हमने ? आप भी न
जीज बोले:-"आप तो बोलो मेरी मर्जी जीजू सोच रहे है चलो साले से छुटकारा ...?"
समीर जी नवम्बर की तैयारी में जुटा हूं. राज जी नासवा जी आभार

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

ठीक है जी!
--

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

मज़ा आ गया टिप्पणी देख देख के
सच खास कर इधर
@ Prerana "bahut sundar"

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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