21.9.10

प्रशांत श्रीवास्तव शानू की ग़ज़ल

https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi4GSyNnePq47uhbixle_3_mAn0ujrQtZ0aYOF805URlPu2134PCHaRtt5wAjBU9L6X8qbgjDEmG9mRiDf7_IGOjOB5RY0tYusl7uOJhF5PsIva0wC44MXRuPMHZV_vdJfvHWON3vS2Wh0/s1600-r/Madhya_Pradesh_Map_2001.jpg                   मेरे अज़ीज़ मित्र इस वक़्त मध्य-प्रदेश सरकार के राजस्व महक़मे में तहसीलदार का ओहदा रखते हैं. तमाम सरकारी कामकाज़ के साथ हज़ूर के दिल में छिपा शायर नोट शीट, आर्डरशीट से इतर बहुत उम्दा काम ये कर रहें हैं कि अपने दिल में बसे शायर को सरकारी मसरूफ़ियत का हवाला देकर रुलाते नहीं. बाक़ायदा ग़ज़ल लिखते हैं. मौज़ूदा हालातों से जुड़े रहतें हैं.  रौबदार विभाग के  नाजुक़ ख्याल अफ़सर की ग़ज़ल की बानगी नीचे स्कैन कर पेश है. पसंद आयेगी ज़रूर मुझे यक़ीन है. कौमी एकता के इर्दर्गिर्द  घूमते विचारों को करीने से संजोता है शायर प्रशांत और बुन लेता है एक गज़ल 

16 टिप्‍पणियां:

alka mishra ने कहा…

गज़ल के माहिर तो आज बाहर गये हैं, मैं सिर्फ इतना कह सकती हूं कि भावनायें बहुत ऊंची हैं
आपको लिखते रहना चाहिये

समयचक्र ने कहा…

हम तो बस अपने मादरे वतन का ख्याल रखते हैं .... बहुत ख़ूबसूरत रचना....

समयचक्र ने कहा…

हम तो बस अपने मादरे वतन का ख्याल रखते हैं .... बहुत ख़ूबसूरत रचना....

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

सुमन जी, महेन्द्र भैया,अल्का जी
आपका हार्दिक आभार

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

कौमी एकता पर बहुत सुंदर गजल है
कभी अल्लामा इकबाल भी ऐसा ही लिखते थे।

कडुवासच ने कहा…

...behatreen gajal, badhaai !!!

Mansoor ali Hashmi ने कहा…

शुक्रिया गिरिशजी, अच्छा कलाम पढवाया, वक़्त की ज़रूरत है, खुदा करे एसी ही सोच हम सब की हो जाये और हमारा वतन फलता-फूलता रहे.प्रशांतजी को भी बधाई और धन्यवाद.
--mansoorali हाश्मी
http://aatm-manthan.com

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

shukriyaa zanaab

दिव्य नर्मदा divya narmada ने कहा…

मन को मन से जोड़ती रचना हेतु साधुवाद.

शरद कोकास ने कहा…

बढ़िया गज़ल है ये अब तक कहाँ थे भाई ?

निर्मला कपिला ने कहा…

सुन्दर सन्देश देती गज़ल के लिये बधाई व धन्यवाद।

सदा ने कहा…

मरें अर्जे वतन में ये दुआ मांगते हैं, बहुत ही खूब, बहुत ही सुन्‍दर, हर पंक्ति लाजवाब ।

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

आपकी ग़ज़ल वाकई काबिले तारीफ़ है़...बधाई।

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

Bade oonche vichar aur umda Gazal ke bol ke liye Shukriya.

Mayur Malhar ने कहा…

ये जनाब अब तक कहा थें. बहुत उम्दा शेर है.

Archana Deshpandey ने कहा…

नमस्कार आज पहले बार आपके ब्लॉग पर विसित किया है. और ये शेर भी अच्छा है.

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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