26.7.10

रफ़ी साहब के तीन गीत





4 टिप्‍पणियां:

अनुभूति ने कहा…

सभी एक से बढकर एक गीत चुने हैं आप ने वाकई आप की पसंद की तारीफ करनी पड़ेगी |

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

:)

शरद कोकास ने कहा…

31 जुलाई .. और रफी साहब की आवाज़ और गिरीश जी की प्रस्तुति और ओम भारती का कविता संग्रह " इस तरह गाती है जुलाई " सब एकाकार हो रहा है ।

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

काज़ल भैया शुक्रिया
अनूभूति जी आपका स्वागत
शरद जीजू क्या बात है जी ..?

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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