4.7.10

सन २०५० मे................................एक समाचार .................................

आज सुनिए एक समाचार प्रवीन पाण्डेय जी के ब्लॉग से ...................................जिसकी जानकारी मुझे यहाँ से मिली..............................

सन २०५०-------------- मुकदमे के निर्णय का क्षण । 

7 टिप्‍पणियां:

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

एक भी रुकावट नहीं कोई गफ़लत नहीं एक सहज प्रवाह है आपकी प्रस्तुति में

Udan Tashtari ने कहा…

बढ़िया,,पढ़ पहले चुके थे.

Satish Saxena ने कहा…

अर्चना जी और गिरीश भाई को शुभकामनायें !

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

शुक्रिया सतीष भाई, समीर जी

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अपना लिखा सुनकर बिल्कुल नया सा लगा । अतिशय आभार ।

हर्षिता ने कहा…

सुन्दर।

दीपक 'मशाल' ने कहा…

बिलकुल आकाशवाणी की याद ताज़ा करा दी आपने.. बहुत-बहुत शुक्रिया इतनी शानदार पोस्ट(समाचार) के लिए..

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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