महिता आरक्षण बिल के पारित होने का हर्ष इस कविता में आज की भोर का अभिवादन करती हिन्दुस्तान की आधी आबादी को हार्दिक शुभ कामनाएँ
एक भोर
जो
बदल देती है
सोचने का अंदाज़
जब ले आती है साथ
अपने
परिवर्तन के सन्देश
प्रतिबंधित/विलंबित स्वपनों को
देखने के आदेश
सच
कितनी
बाधाएं आतीं हैं
सांस लेने के अधिकार को अनुमति मिलने में ?
**************************
आज शक्ति को शक्ति मिल ही गई हाँ
आज की भोर अखबारों के माथे पर
हमारी जीत का गीत लिख कर लाई है
हमारी सोच ने नई उंचाइयाँ पाई हैं !
मन कहता है.........
अभी तो ये ............................
जो
बदल देती है
सोचने का अंदाज़
जब ले आती है साथ
अपने
परिवर्तन के सन्देश
प्रतिबंधित/विलंबित स्वपनों को
देखने के आदेश
सच
कितनी
बाधाएं आतीं हैं
सांस लेने के अधिकार को अनुमति मिलने में ?
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आज शक्ति को शक्ति मिल ही गई हाँ
आज की भोर अखबारों के माथे पर
हमारी जीत का गीत लिख कर लाई है
हमारी सोच ने नई उंचाइयाँ पाई हैं !
मन कहता है.........
अभी तो ये ............................
[चित्र साभार चित्र एक :दैनिक भास्कर ]
6 टिप्पणियां:
बधाई हो ।
Bahut achchhi kavita.
mahila divas par.
bil pas hone ki badhai
vikas kii or jaruri kadam
aabhai
धन्यवाद जी आज अपना जीवन भी बदला है तो ब्लाग पर आ कर बधाई देते तो जीवन सफल हो जाता। अपने बुढापे की चिन्ता तो खत्म यकीन न हो तो मेरी पोस्ट जरूर देखें हा हा हा शुभकामनायें
:) नाईस जी
Bahut acchi lagi aapki yah post......chitra bhi bahut sundar hai! Dhanyawaad!!
Ek nigaah yahan bhi bhabhiji ko bhi dikhaiyega wo khush hongi..
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
soch raha hoo bhej doon vaheen aapake paas rani ji
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