14.1.10

राज मिट जाते हैं



सादर अभिवादन
बावरे-फकीरा एलबम से भजन
मकर-संक्रांति के शुभ अवसर पर सादर
शुभ कामनाओं सहित बावरे=फकीरा एलबम से राज मिट जाते हैं भाव-गीत सादर
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6 टिप्‍पणियां:

बवाल ने कहा…

बहुत आनंददायी भजन। मुकुल भाई आभार।

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } ने कहा…

accha bajan kitana sahi kahaa apane raaj chin jaate hae darvar chin jaate hae

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

Dheeru Bhai
padharane kaa abhaar
Sukriya bawal

राज भाटिय़ा ने कहा…

धन्यवाद पहले ले ले, भजन बाद मै सुनूगां, आप की पसंद बहुत अच्छी होगी

Udan Tashtari ने कहा…

आभार इसे प्रस्तुत करने का..अच्छा लगा सुन कर.

स्वामी भविष्यवक्तानंद ने कहा…

Ghor kaljug babaon pe anguli uthai ja rahee hai

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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