क्षणिकाएं

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एक  
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एक कोयला जो
उपयोगी तो है किन्तु
शीतलता में हाथ काले कर ही देता है
जलते ही आग से हाथ जलाता है ...?
मित्र
अगर
उसे सलीके से उपयोग में लाओ तो
कल तुम कह न सकोगे
"एक कोयला .........."
##############
दो
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तुम जो देश को
कानून को मुट्ठी में
कस कर घूम रहे हो
कभी सोचते होगे की सर्व शक्ति मान हो ?
मित्र सच कहूं
पराजय के लिए एक आह ही काफी होगी

टिप्पणियाँ

M VERMA ने कहा…
पराजय के लिए एक आह ही काफी होगी
जबरदस्त
Udan Tashtari ने कहा…
हाईकु नहीं कहता..क्षणिकायें बहुत उम्दा रहीं.
Dr. Shreesh K. Pathak ने कहा…
हाँ; ये क्षणिकाएं ही है..अच्छी भी हैं...
तुम जो देश को
कानून को मुट्ठी में
कस कर घूम रहे हो
कभी सोचते होगे की सर्व शक्ति मान हो ?
मित्र सच कहूं
पराजय के लिए एक आह ही काफी होगी
लाजवाब है ये क्षणिका शुभकामनायें
राज भाटिय़ा ने कहा…
बहुत उम्दा क्षणिकाये...
तुम जो देश को
कानून को मुट्ठी में
कस कर घूम रहे हो
कभी सोचते होगे की सर्व शक्ति मान हो ?
मित्र सच कहूं
पराजय के लिए एक आह ही काफी होगी

बिलकुल सही कहा.
धन्यवाद

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