गर इश्क है तो इश्क की तरहा ही कीजिये
माना कि मयकशी के तरीके बदल गए
साकी कि अदा में कोई बदलाव नहीं है..!
गर इश्क है तो इश्क की तरहा ही कीजिये
ये पाँच साल का कोई चुनाव नहीं है ..?
********************************************साकी कि अदा में कोई बदलाव नहीं है..!
गर इश्क है तो इश्क की तरहा ही कीजिये
ये पाँच साल का कोई चुनाव नहीं है ..?
गिद्धों से कहो तालीम लें हमसे ज़रा आके
नौंचा है हमने जिसको वो ज़िंदा अभी भी है
सूली चढाया था मुंसिफ ने कल जिसे -
हर दिल के कोने में वो जीना अभी भी है !
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यूँ आईने के सामने बैठते वो कब तलक
मीजान-ए-खूबसूरती, बतातीं जो फब्तियां !
!!बवाल इसे पूरा कीजिए -----------मीजान-ए-खूबसूरती, बतातीं जो फब्तियां !
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टिप्पणियाँ
हर दिल के कोने में वो जीना अभी भी है !
" बहुत जानदार ............निशब्द कर दिया इन पंक्तियों ने.
Regards
रामराम.
---बवाल
बहुत खूब ..बेहतरीन
बहुत समय पूर्व एक ऐसी ही चेन चली थी, अपने फिर से शुरूवात की, बहुत अच्छा लगा।
नौंचा है हमने जिसको वो ज़िंदा अभी भी है
सूली चढाया था मुंसिफ ने कल जिसे -
हर दिल के कोने में वो जीना अभी भी है !
bhai maja aa gayaa.
panktiyyan mai hi pure kiye de rahaa hoon ------
यूँ आईने के सामने बैठते वो कब तलक
मीजान-ए-खूबसूरती, बतातीं जो फब्तियां !
khuda ka khair hi hamane ise mana,
jo karine hamari sudhari hai galtiyaan.
नौंचा है हमने जिसको वो ज़िंदा अभी भी है
सूली चढाया था मुंसिफ ने कल जिसे -
हर दिल के कोने में वो जीना अभी भी है !
shandar. aage v aise hi gajal pase karen.
na-kaafi lagtaa hai.......
lekin be-lafz hooN......
bahut-bahut badhaaee
---MUFLIS---