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बुधवार, फ़रवरी 04, 2009

जो पंगु गिरी को सहज ही लांघे तो मेरे रहबर बवाल होगा

कमाल होगा
जो पंगु गिरी को सहज ही लांघे तो मेरे रहबर बवाल होगा।
खुदा के बन्दों से जाके कह दो - कमाल हूँ तो कमाल होगा
खुदा की रहमत से जो है रोशन दिया अंधेरी निशा का मेरी -
उसी के कहने से ही बुझेगा, जो तुम बुझाओ कमाल होगा।।




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