जो पंगु गिरी को सहज ही लांघे तो मेरे रहबर बवाल होगा
कमाल होगा
जो पंगु गिरी को सहज ही लांघे तो मेरे रहबर बवाल होगा।
खुदा के बन्दों से जाके कह दो - कमाल हूँ तो कमाल होगा ॥
खुदा की रहमत से जो है रोशन दिया अंधेरी निशा का मेरी -
उसी के कहने से ही बुझेगा, जो तुम बुझाओ कमाल होगा।।
जो पंगु गिरी को सहज ही लांघे तो मेरे रहबर बवाल होगा।
खुदा के बन्दों से जाके कह दो - कमाल हूँ तो कमाल होगा ॥
खुदा की रहमत से जो है रोशन दिया अंधेरी निशा का मेरी -
उसी के कहने से ही बुझेगा, जो तुम बुझाओ कमाल होगा।।
टिप्पणियाँ
जय हो जय हो
Aap ka nam to suna tha magar Kislay ji ke ghar par milkar aur aapki kavitaye sunkar laga ki aap sachmuch ek achchhi soch ke dhani hain.Aap ki khusmijaaji ne dil ko lubha liya.Sajeev chitran ke liye badhaai ho.