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रविवार, अप्रैल 27, 2008

जबलपुर से कुछ दूर भेडाघाट






पुरा संपदा बिखरी हुई हैं












६४ योगनी







संग-ऐ-मरमर की दीवारों को
चूमतीं






कहीं शांत शीतल
तो कही तेज़..... कलरव के साथ





कूदती अल्हड़ बिटिया सी :''मेरी माँ नर्मदा ''









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