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रविवार, अगस्त 25, 2024

मानसिक स्मृति कोष : से उभरते दृश्य

 


   जीवन में  इंद्रिय सक्रियता एक ऐसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो हमारे जीवन के संचालन के अलावा स्मृति कोष में जानकारी को सुरक्षित करने में भी सहायक है।
इस संबंध में आगे चर्चा करेंगे उसके पहले आपको बता देना आवश्यक है कि - हम केवल घटनाओं के पुनरूत्पादन के विषय में चर्चा कर रहे हैं न कि उस जैसी घटना की पुनरावृत्ति के विषय पर।
   इंद्रियों के माध्यम से हम सूचनाओं एकत्र करते हैं और वह सूचना हमारे स्मृति कोष में संचित हो जाती है। अर्थात हमारे मस्तिष्क में केवल वही बात जमा होती है जिसे हम  गंध,ध्वनि, आवाज़, स्वाद, दृश्य, भाव, के रूप में महसूस करते हैं।
  प जो जो घटनाएं हम महसूस कर सकते हैं केवल वह ही हमारे स्मृति कोष में जमा होती है ।  
आते हैं हमारा स्मृति कोष एक तरह से  एक डाटा बैंक है।
मस्तिष्क में संचित सूचनाओं को क्या हम पुनरूत्पादित कर सकते हैं अथवा क्या ऐसी जानकारी का पुनरूत्पादन हो सकता है?
   हम मस्तिष्क में संचित सूचनाओं को स्वयं भी पुनरुत्पादित कर सकते हैं तथा कई बार ऐसी घटनाएं जो  स्मृति कोष में संचित होती हैं, स्वयं ही पुनरूत्पादित हो जातीं हैं।
इनका  पुनरूत्पादन  जागते हुए या सोते हुए कभी भी हो सकता है।
जागृत अवस्था में हम घटित घटनाओं को भौतिक रूप से क्रिया रूप में कर सकते हैं।
  लेकिन जब हम सोते हैं तब हमें यह सब कुछ आभासी रूप में दिखाई देता है।
   अब आप सोच रहे होंगे कि क्या नेत्रहीन व्यक्ति  कोई घटना स्वप्न में देख सकता है ?
    यदि व्यक्ति की देखने की क्षमता जिस उम्र तक उपलब्ध होती है उसे उम्र तक के दृश्यों के आधार पर नेत्रहीन व्यक्ति स्वप्न देख सकता है। अर्थात उसके स्मृति कोष से स्वप्न के रूप में केवल वही दिखाई देता है जो उसके स्मृति कोष में संचित है।
   परंतु जन्मांध व्यक्ति केवल घटित हुई   घटनाओं का स्वप्न के रूप में पुनरुत्पाद
ध्वनि अर्थात वार्तालाप, गंध , स्पर्श के रूप में महसूस कर सकता है।
    इसी क्रम में एक प्रश्न यह है कि जन्म से मूकबधिर व्यक्ति स्वप्न देख सकता है ?
    वास्तव में हम स्वप्न नहीं देखे बल्कि हम महसूस करते हैं। जन्म से मूकबधिर  व्यक्ति केवल स्वप्न आने पर  घटना को महसूस करता है।
  जागृत अवस्था में ऐसे व्यक्ति मूकबधिर व्यक्ति कि मस्तिष्क में घटनाओं का पुनरूत्पादन सामान्य लोगों की तरह ही महसूस होता है।
अब आप हेलेन केलर जैसी किसी व्यक्ति की कल्पना कीजिए। जो देख सुन और बोल नहीं पाती थी, फिर भी महसूस कर लेने मात्र से उन्होंने अपने दौर में ऐसी ऐसी विचार रखे जो सोशियो इकोनामिक पॉलीटिकल परिस्थितियों के लिए उपयोगी साबित हुए। केवल महसूस कर लेने मात्र से हमारे ही स्मृति कोष में सूचनाएं जमा हो जाती हैं। जिसका पुनरूत्पादन सामान्य और सामान्य से बेहतर परिणाम देता है। हेलेन केलर इसका एक बेहतर उदाहरण है।
हेलेन केलर की जीवन गाथा बार-बार पढ़ने को मन करता है। एक लिंक में आपके साथ साझा कर रहा हूं, मेरे दृष्टिकोण में हेलेन केलर की जिंदगी इस यूट्यूब लिंक पर आपके लिए प्रस्तुत है
https://youtu.be/Cu_1wBT76fk
   स्टीफन हॉकिंग भी दूसरे बेहतरीन उदाहरण के रूप में एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक दार्शनिक के रूप में स्थापित है।
  जब भी कभी सपने में कोई घटना या  घटनाओं का पुनरूत्पादन अर्थात री- क्रिएशन होता है तो वह  केवल आभासी होता है। जबकि हमारे मस्तिष्क में जागृत अवस्था में पुनरूत्पादन होने से उसकी सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव पड़ते हैं।
  कभी-कभी आपने महसूस किया होगा कि किसी व्यक्ति के साथ आपके अच्छे अनुभव न रहने के कारण आप उसकी उपस्थिति में असहजता महसूस करते हैं
   और किसी व्यक्ति के साथ आपके विचार मिलने अथवा उनके साथ बिताए गए बेहतरीन समय के कारण आप सहज और उत्साहित होते हैं।
  कई बार ऐसी स्थितियों के कारण पाप निर्माण भी कर सकते हैं। तो कई बार ऐसी स्थितियां विनाशकारी भी बन सकती है।
   यह व्यक्तिगत चिंतन है, संभावना है कि आप इस चिंतन से सहमति न रखते होंगे, इस हेतु मैं आपका अग्रिम आभार व्यक्त करता हूं। जो उपरोक्त विवरण से सहमति रखते हैं उनके प्रति भी समान भाव से सम्मान और आभार व्यक्त करता हूं।
#Psychology, #स्वप्न    #निद्रा #संचित_स्मृति_कोष
#हेलेन_केलर #गिरीशबिल्लौरेमुकुल  #हॉकिंग्स 

शनिवार, अगस्त 10, 2024

life Sketch | আলোচক শ্রী মলয় দাশগুপ্ত | तीन देशों के राष्ट्रगान में टैगोर


গতকাল অর্থাৎ ৭ই আগস্ট ছিল রবীন্দ্রনাথ ঠাকুরের স্মরণ দিবস।
গতকালের পর্বে আমরা শুনেছি ঠাকুরের গান যা গেয়েছিলেন ডক্টর জাহাজের ডাক্তাররা সুলেরে নে।
‪@shiprasullere4379‬ 
‪@youtubecreators‬ 
‪@YouTube‬ ‪@worldview‬ 
🔗 গুরুদেব রবীন্দ্রনাথ ঠাকুরের স্মরণে
गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर के स्मृति दिवस 7 अगस्त पर
   • মন মোরো মাগেরো শোঙ্গি  অংশ 01  | स्वर...  


आज हम प्रस्तुत कर रहे हैं श्री मलय दासगुप्ता की दृष्टि में #गुरुदेव_रविंद्रनाथ_टैगोर
के संस्मरण 
जिसे आप मेरे ब्लॉग मन की बात पर यहां पढ़ सकते हैं 
https://girishbilloremukulji.blogspot...
#podcast #facts 
#NationalAnthem of #bangladesh
   • Amaar Sonar Bangla Ami Tomai Bhalobas...  
National Anthem of India
   • National Anthem 52 Second || भारतीय र...  
National Anthem of 
#SriLanka
   • Sri Lankan National Anthem  
Rabindranath Tagore has contributed to all the three national anthems mentioned above. Two national anthems have been written by Rabindraji and the tune of the third national anthem has been composed by Ravindra Nath Tagore .


मंगलवार, अगस्त 06, 2024

B'desh Crisis | दक्षिण एशिया के लिए खतरे की घंटी ? 02


( #डिस्क्लेमर:हमारे इस विमर्श का उद्देश्य केवल दक्षिण एशिया में शांति एवं मित्र राष्ट्रों के सोशियो इकोनामिक डेवलपमेंट पर पढ़ने वाले सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव की समीक्षा करना है। हमारी इस विमर्श का कोई स्थानीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पॉलिटिकल उद्देश्य कदापि नहीं है। )
    पिछले भाग में अपने जाना कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के लिए किए गए तख्तापलट एक वैश्विक स्तर पर की गई करवाई हो सकती है अब आगे ...)
हमने आपको बताया था कि बांग्लादेश में डेमोग्राफिक अरेंजमेंट में 15 करोड़ मुसलमान हैं और इसके बाद 1.31 करोड़  जनसंख्या  हिंदुओं की है. इनके अलावा  बांग्लादेश में 10 लाख बौद्ध धर्म को मानने वाले, 4.95 लाख ईसाई और 1.98 लाख मत एवं संप्रदायों से जुड़े हुए लोग रहते हैं।
  सांप्रदायिकता को लेकर पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश भी अत्यधिक संवेदनशील है। आजादी के बाद अभिभाजित  पाकिस्तान के इस हिस्से में लगभग 27 प्रतिशत हिंदू आबादी निवास करती थी परंतु अब मात्र 8% आबादी ही हिंदू आबादी है।
    भारत में नागरिकता के परिपेक्ष में कानून लाने का उद्देश्य भी मानव अधिकार की रक्षा ही था। बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदाय विशेष रूप से हिंदू और बौद्ध कथित रूप से इस आंदोलन के निशाने पर हैं।
उदाहरण स्वरूप नवग्रह मंदिर तथा अन्य मंदिरों को निशाना बनाना, हिंदू परिवारों के घर में तोड़फोड़ करना, इस्कॉन मंदिरों पर हम लोग को छात्र आंदोलन कहना अनुचित है। बांग्लादेश में मुस्लिम अतिवादियों ने कई वर्षों से हिंदू ब्लॉगर्स को निशाने पर रखा गया था और उनकी बेरहमी से हत्या भी कर दी थी।
   आंदोलनकारी छात्र यह भूल चुके हैं कि, पाकिस्तान ने अपने पूर्वी हिस्से यानी वर्तमान बांग्लादेश में एक लाख से अधिक महिलाओं को बलात्कार का शिकार बनाया तथा लगभग 30 लाख लोगों मौत के घाट उतार दिया था। बांग्लादेश की युवा पीढ़ी को यह याद रखना चाहिए कि वे चीनी और पाकिस्तानी साजिशों का मोहरा बन गए हैं।   
   अब तो यह तय हो चुका है कि पाकिस्तान और चीन मिलकर भारत विरोधी वातावरण निर्मित करने के लिए दक्षिण एशिया में सक्रिय हो चुके हैं।
कुछ यूट्यूबर जैसे अंकित अवस्थी ने बताया है कि शेख हसीना की सरकार के विरुद्ध अमेरिका ने भी वातावरण तैयार किया है। उनका तर्क है कि अमेरिका द्वारा शेख हसीना सरकार को सैन्य अड्डा स्थापित करने के लिए पहले दबाव डाला गया था। परंतु शेख हसीना ने उनके प्रस्ताव को नकार दिया था।
इसके अतिरिक्त अमेरिका से जारी बयान से भी लगता है कि आर्मी कार्रवाई को संतोष जनक बताया है जबकि ग्राउंड रियलिटी यह है कि 24 घंटे से अधिक समय भी जाने के बाद हिंदू माइनॉरिटी, शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के सदस्यों एवं पदाधिकारीयों को हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है।
अगर यह स्थिति नियंत्रित नहीं होती है तो उन की पीसकीपिंग फोर्स को अपना दायित्व निभाना होगा।
फिलहाल बांग्लादेश में अराजकता के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया जाना जल्दबाजी होगा। 
  इसके परिणाम स्वरुप भारतीय उप महाद्वीप में अस्थिरता को स्थान मिलता नजर आ रहा है।
   यहां यह कहना भी गलत नहीं होगा कि चीन और पाकिस्तान  का यह प्रयास है कि भारत की स्थिति दुश्मनों से घिरे इजरायल की तरह हो जाए। ताकि चीन अपने विस्तारवादी एजेंडे को संपूर्ण दक्षिण एशिया क्षेत्र में लागू कर सके।
  अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक स्थिति जो भी हो किसी भी देश में सामाजिक अस्थिरता फैलाना मानव अधिकार का सबसे अपराध  है।
भारत के सीमावर्ती राज्यों मणिपुर असम पश्चिम बंगाल में अब सीमा सुरक्षा भारत के लिए चुनौती बन चुका है। निश्चित तौर पर भारत  सरकार इस मुद्दे पर भी विशेष ध्यान देगी।
    भारतीय उपमहाद्वीप में भारत को अलग-अलग कर देने की चीन की कोशिश है पहले भी जारी रही है इसका विवरण हम पिछले पॉडकास्ट में प्रस्तुत कर चुके हैं। 
#बांग्लादेश #Socio_Economic_Effects
#अजितडोभाल #DrSJaishankar
#खालिदाजिया #अजितभारतीलाइव
#ISI  #चीन_का_षड्यंत्र
#तख्तापलट #बांग्लादेश  #China #JamayateSlami #भारतसरकार
India's Foreign Policy

सोमवार, अगस्त 05, 2024

B'desh Crisis | दक्षिण एशिया के लिए खतरे की ?घंटी 01

( #डिस्क्लेमर:हमारे इस विमर्श का उद्देश्य केवल दक्षिण एशिया में शांति एवं मित्र राष्ट्रों के सोशियो इकोनामिक डेवलपमेंट पर पढ़ने वाले सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव की समीक्षा करना है। हमारी इस विमर्श का कोई स्थानीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पॉलिटिकल उद्देश्य कदापि नहीं है। )
#बांग्लादेश #Socio_Economic_Effects

दक्षिण एशिया के महत्वपूर्ण देश बांग्लादेश के इंफ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट के लिए  भारत की प्रतिबद्धता सदा से ही रही है। पाकिस्तान से विभाजन के पूर्व तथा
1971 के पश्चात से ही भारत का दृष्टिकोण बांग्लादेश के लिए सकारात्मक रहा है।
    2024- 25 के भारतीय बजट में  बांग्लादेश को विकास सहायता के तहत 120 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की जाएगी 
   भारतीय अर्थव्यवस्था के सहयोग एवं मानव संसाधन विकास के महत्वपूर्ण स्वीकारते हुए बांग्लादेश ने अपने आर्थिक स्तर को सुधारने के लिए प्रभावशाली रूप से भारत का सहयोग लिया है।
भारतीय विदेश नीति में  भारतीय उपमहाद्वीप दक्षिण एशियाई देशों के प्रति सम्मानजनक सह अस्तित्व के कांसेप्ट को प्रमुखता दी जाती रही है।
   परंतु पाकिस्तान एक ऐसा राष्ट्र है जो भारतीय विदेश नीति के लिए आवश्यक मापदंडों को सहन नहीं कर रहा है।
पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश में असहज स्थिति उत्पन्न करने के लिए आंतरिक वातावरण बेहद हिंसक बनाया जा रहा है। भले ही अप्रत्यक्ष रूप से परंतु बांग्लादेश में भी एक लंबे अंतराल से शेख हसीना की पार्टी को हटाने की कोशिश लगातार जारी रही है।

5 जून 2024 को बांग्लादेश के न्यायालय निर्णय के बाद 4 जुलाई 2024 से आरक्षण के मुद्दे को लेकर बांग्लादेश के छात्र विगत कई महीनों से आंदोलन कर रहे थे। 
   आज 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना द्वारा इस्तीफा देकर अपनी बहन के साथ बांग्लादेश से बाहर निकल चुके हैं। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक शेख हसीना ने भारत में आ चुकी है तथा उनकी मुलाकात NSA श्री अजीत डोभाल से बातचीत हो चुकी है।

   16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान से मुक्त हुए बांग्लादेश शेख मुजीबुर रहमान एवं उनके परिवार के 17 सदस्यों की हत्या आर्मी के तख्ता पलट में 1975 में कर दी गई थी।
  शेख मुजीबुर रहमान जिन्हें बंगबंधु के नाम से जाना जाता है, की हत्या के बाद सेना ने बांग्लादेश आर्मी चीफ जियाउर रहमान के नेतृत्व में बांग्लादेश की सत्ता संभाली थी। हालांकि उन पर यह आरोप लगाता रहा है कि वे मुजीब की हत्या के दोषी हैं। जबकि उन्होंने ही शेख हसीना को प्रजातांत्रिक रास्ते से वापस स्थापित किया।
  विकसित राष्ट्रों से लेकर अल्प विकसित राष्ट्रों तक राष्ट्र प्रमुख के आवास पर हमला बोलना बेहद सोशियो पॉलीटिकल नजरिया से नकारात्मक स्थिति का परिचायक है।
डेमोक्रेटिक सिस्टम कभी भी हिंसा का हिमायती नहीं रहा परंतु डेमोक्रेसी में हिंसा का प्रवेश तख्ता पलट, राष्ट्र प्रमुख के आवास पर हमला बोलना, डेमोक्रेटिक सिस्टम की विकृति का उदाहरण माना जा सकता है।
  अपने अमेरिका में भी भीड़ का राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करना देखा होगा तो आपको श्रीलंका में भी इस तरह की गतिविधि नजर आई होगी।
  यह तीसरा मौका है जब भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश के राष्ट्र प्रमुख के आवास पर जनता ने हमला बोला है।
उपरोक्त स्थितियों के अलावा अगर हम गौर करें तो म्यांमार श्रीलंका के बाद बांग्लादेश में पॉलीटिकल अनरेस्ट की स्थिति कोई सामाजिक आंदोलन की परिणीति नहीं हो सकती।
  दोपहर बाद जब  बांग्लादेश से संबंधित खबर आनी शुरू हुई तो मुझे यह महसूस हो गया था कि - "यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर से प्रेरित  प्रजातंत्र को समाप्त करने वाला षड्यंत्र हो सकता है।"
  फिर धीरे-धीरे मीडिया इस बात का खुलासा करने लगा।
   अगर यह कयास लगाया जाता है कि - बांग्लादेश का मौजूदा नेतृत्व, दो अंतरराष्ट्रीय ताकतों के षडयंत्रों का शिकार हुआ है तो शायद गलत नहीं होगा।
   फिलहाल हम उन खबरों पर नजर बनाकर रखे हैं जो बांग्लादेश की स्थितियों पर सामने लाई जाएगी। फिर भी यह कहा जा सकता है कि बांग्लादेश श्रीलंका नेपाल म्यांमार मालदीव में दिखने वाले दृश्य दक्षिण एशिया के लिए सकारात्मक नहीं है।
बांग्लादेश से आने वाली खबरों को देखकर प्रतीत होता है कि दक्षिण एशिया अब मिडिल ईस्ट की तरह सोशियो इकोनामिक सिस्टम के संदर्भ में नकारात्मक दिशा की ओर जा रहा है।
   दक्षिण एशिया में भारत के बाद बांग्लादेश ही एक ऐसा राष्ट्र है जिसकी अर्थव्यवस्था विकास का आभास देती है परंतु वर्तमान परिस्थितियों को देखकर लगता है अब बांग्लादेश उग्र एवं कट्टरपंथी विचारधारा एवं आयातित अराजकतावादी विचारधारा का शिकार होकर अस्थिरता के चक्रव्यूह में घिरता चला जा रहा  है।
   देखना यह है कि 1971 में जन्मे इस राष्ट्र के आर्थिक सामाजिक विकास फिर कब स्थापित हो सकेगा। इतना तो तय है कि बांग्लादेश में अब जो भी सरकार बनेगी वह भारत की समर्थक होगी या नहीं यह कहना मुश्किल है।
प्राप्त समाचारों के अनुसार बांग्लादेश में गैर इस्लामिक नागरिकों को भी टारगेट किया जा रहा है।
  इससे प्रतीत होता है कि पाकिस्तान की आई एस आई का कहीं न कहीं बांग्लादेश की आंतरिक गतिविधियों  में हस्तक्षेप बढ़ गया है।
और संप्रदायिक रूप से बांग्लादेश संवेदनशील होता जा रहा है।
  बांग्लादेश में करीब 15 करोड़ मुसलमान हैं और इसके बाद 1.31 करोड़  जनसंख्या  हिंदुओं की है. इनके अलावा बांग्लादेश में 10 लाख बौद्ध धर्म को मानने वाले, 4.95 लाख ईसाई और 1.98 लाख दूसरे धर्मों को मानने वाले लोग हैं ।
  इसका अर्थ यह है कि बांग्लादेश में अगर पंथनिरपेक्ष सरकार का गठन नहीं होता तो सामाजिक संरचना नकारात्मक रूप से प्रभावित होगी। 

क्या तलाशते हैं लोग इंटरनेट पर


     साप्ताहिक पॉडकास्ट दुनिया इस सप्ताह में  आज से हम प्रत्येक रविवार की शाम दुनिया इस सप्ताह शीर्षक से एक पॉडकास्ट आपके लिए लाएंगे। जो पूरे सप्ताह में हुए महत्वपूर्ण घटनाक्रम पर केंद्रित होगा।
    ( खबरें 4 अगस्त 2024 तक  )
  आज जानते हैं इस सप्ताह में उन समाचारों के बारे में जो सबसे ज्यादा खोजे गए अथवा चर्चित रहे हैं
    इस सप्ताह हम विश्लेषण कर रहे हैं कि विश्व में  खास तौर पर अमेरिका यूरोप तथा भारत, दक्षिण एशिया के अन्य देशों जैसे बांग्लादेश और पाकिस्तान में किन विषयों पर आधारित कंटेंट्स को देखा और दिखाया जा रहा है।
   इस समय गूगल पर अमेरिका में सर्वाधिक खोज की जा रही है वह अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर सर्वाधिक कंटेंट खोजा जा रहा है।
   जबकि पिछले दो दिनों से अर्थात एक अगस्त के पक्ष से अमेरिका सहित संपूर्ण विश्व के लोग इसराइल फिलिस्तीन  और हमास पर केंद्रित समाचारों को तलाश रहे हैं।
  अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव लिए अमेरिका की जनता ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व की जनता और  मीडिया हाउस दोनों प्रत्याशियों कमला हैरिस एवं  डोनाल्ड ट्रंप  की स्थितियां समझना चाहते हैं।
  स्मरण हो कि जो बाइडन के बाद अब भारतीय मूल की कमला हैरिस अमेरिकी राष्ट्रपति के पद पर डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी हैं।
  विश्व भर के विशेषज्ञ डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार  कमला हैरिस एवं रिपब्लिकन ट्रंप की लोकप्रियता के बारे में जानना चाहते हैं और इसी आधार पर अमेरिका के इलेक्शन पर प्रिडिक्शन किया जा रहा है।
   मीडिया पर प्रचारित समाचारों को देखा जाए तो ज्ञात होता है कि रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवारों में अब कांटे का संघर्ष नजर आ रहा है। जबकि पिछले एक माह से स्थिति रिपब्लिक रिपब्लिकन पार्टी के पक्ष में थी।
अमेरिका में महंगाई की दर में वृद्धि के कारण सोने का बाजार भाव भी इन दिनों सुर्खियों में है।  सोने का भाव तय करने वाला इंग्लैंड का बुलियन बाजार सोने की कीमतों में यूरोप के प्रभाव को प्रदर्शित करता है। जब जब दुनिया में यूरोप की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है तब तक विश्व में सोने के भाव में अचानक वृद्धि देखी जाती है।
   विश्व में भले ही सोना एक निवेश का कारण हो परंतु भारत में सोना सामाजिक सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि भारत में सोने से जुड़े हुए समाचारों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
  वैश्विक स्थिति में जहां एक को अमेरिका का इलेक्शन सबके लिए कौतूहल का विषय बना है वहीं दूसरी ओर इजरायल के खतरनाक जासूसी संगठन मोसाद द्वारा कथित रूप से तेहरान में हमास के चीफ  हानियां की हत्या को लेकर बेहद रहस्यमई कहानियां  सामने आ रही है।
   सर्च इंजन में हमास के प्रमुख हानिया की हत्या को लेकर यह खोजा जा रहा है कि किस तरह से इसराइल के जासूसी संगठन मोसाद ने उन्हें मौत के घाट उतारा।
  लगभग 1 वर्ष से या कहीं इसराइल के बने के बाद से इसराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष की परिणीति एक रहस्यमई हत्या के रूप में हुई है। आगे और क्या होता है यह भी विचारणीय है।
    कुछ मीडिया चैनल यह अंदाज लग रहे हैं कि ईरान के भीतर ही कोई ऐसे स्लीपर सेल है जो आतंकी संगठन के प्रमुख को निपटने में सहयोग कर रहे हैं।
भारत में जिन समाचारों में रुचि ली जा रही है उनमें संसद की गतिविधियों के अलावा बरसात एक प्रमुख मुद्दा है।
परंतु जब से हमास प्रमुख का की कथित तौर पर हत्या मोसाद द्वारा की गई है, उसके परिणाम पर चिंता व्यक्त की जा रही है।
   मीडिया जगत यह मान रहा है कि अब तीसरा विश्व युद्ध नजदीक है।
भारत में भी जो समाचार सर्च किया जा रहे हैं उनमें अब अचानक ट्रेंड बदलता नजर आ रहा है। कन्वेंशनल प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रकाशित होने वाले समाचार और विशेष आर्टिकल तीसरे विश्व युद्ध की आहट को महसूस करते नजर आ रहे हैं।
   भारत में अचानक पाकिस्तान से 600 आतंकवादियों की घुसपैठ चिंता का विषय है। परंतु अच्छी खबर यह है कि अब तक के एनकाउंटर में मारे गए आतंकवादियों के रूप में घुसे पाकिस्तान सेना के कमांडोज में से एक को जिंदा पकड़ लिया गया है।
   इस सप्ताह में भारत के लिए से पाकिस्तानी कमांडो को जिंदा पकड़ना बेहद महत्वपूर्ण एवं आवश्यक भी है।
   भारत में सर्च की जाने वाली खबरों में 200  रोहिंग्याओं का लखनऊ के पास अवैध प्रवास भी सनसनी बना हुआ है।
   पाकिस्तान में औसत इंटरनेट यूजर वल्गर कंटेंट खोजने में नंबर वन है। स्मरण हो कि पाकिस्तान में सर्वाधिक पोर्न देखा जाता है।
    दक्षिण एशिया का एक और देश है बांग्लादेश, यूट्यूब पर लाइव होकर पैसे कमाने की दौड़ में बांग्लादेश पश्चिम बंगाल एवं बिहार, उत्तर प्रदेश से महिलाएं एवं पति पत्नी देर रात तक अश्लील प्रसारण में व्यस्त रहती हैं।
  भारत में  सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा कंटेंट संसद की पिछली कार्रवाई में हुई नोकझोंक पर मीम्स और कंटेंटस का आदान प्रदान हो रहा  है। 

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