21.4.10

कवयत्रि अर्चना की पहली कविता प्रस्तुत है पाडकास्ट पर

कवयत्रि अर्चना की पहली  कविता प्रस्तुत है पाडकास्ट  पर . हिन्दी कविता और उसके लिए समर्पित अर्चना  जी की एक बेहतरीन कविता ''टुकड़ों में बंटी मैं '' उत्कृष्ट बन पडी है . अच्छी कविता के लिएउनका ब्लॉग ''मेरे मन की '' अवश्य देखिये

खेल-खेल मे....mp3


साथ ही साथ ये गीत भी सुनिये
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12 टिप्‍पणियां:

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

दादा-बहुत अच्छी कविता सुनवाई-आभार

संजय भास्‍कर ने कहा…

BACHPAN ME MAIN BETI THI..


BAHUT HI SUNDER KAVITA PADHNE KO MILI

DHANYAWAAD GURU JI KAVITA PADHWANE KE LIYEE

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर कविता जी.
धन्यवाद

हर्षिता ने कहा…

नारी के हर किरदार से रूबरू कराती प्रस्तुति बेहतरीन है।धन्यवाद गिरीश जी।

Shekhar Kumawat ने कहा…

बहुत सुंदर


bahut khub


shekhar kumawat


http://kavyawani.blogspot.com/

Archana Chaoji ने कहा…

मेरी कविता को इस योग्य समझने व मुझे इतना सम्मान देने के लिए आभार.........क्या आपने जानबूझकर गाने का प्लेयर लगाया है ???

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

वास्तव में मुझे लगा आपका पाड्कास्ट इन्टर्व्यू लिया जावे किंतु आई डी के अभाव में सम्भव नही हो सका आप कए ब्लाग के लिंक देने के उद्देश्य एवम पाडकास्ट ब्लाग पर पोस्ट हेतु उसे चुना है,,,,,?
जान बूझकर शब्द के प्रयोग से प्रतीत हुआ कि शाय आप असहमत हैं
कृपया स्पष्ट रूप से आदेशित कीजिये ताकि निर्णय लिया जा सके
सादर
आदेश हेतु आप कृपया मुझे girishbillore@gmail.com मेल भी कर सकतीं है

Archana Chaoji ने कहा…

@ गिरीश जी मैने पहले भी मेल किया था .....अभी फ़िर किया है ...

कडुवासच ने कहा…

...सुन्दर रचना,प्रसंशनीय !!!

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

Shukriya archana jee

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

बहुत बढिया प्रयोग है गिरीश जी.बधाई.

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

Vandanaa jee
uday jee aabhaar

Wow.....New

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