इस पोस्ट के अनोखे होने से आप इंकार नहीं कर सकते |
30.6.11
29.6.11
आध्यात्मिक चिंतक,विचारक,ब्लागर स्वामी अनंत बोध जी से वार्ता
उपनिषद,अनंत-बोध,श्रीयंत्र-मंदिर,एवम स्वामी विश्वदेवानंद ब्लाग्स के स्वामी, आध्यात्मिक चिंतक,विचारक, स्वामी अनंत बोध जी से वार्ता सुनिये :
अल्प-आडियो वार्ता
यू ट्यूब पर सुनिये साक्षात्कार
अल्प-आडियो वार्ता
यू ट्यूब पर सुनिये साक्षात्कार
दो कविताएं : तारीफ़ / बैसाखियां
तारीफ़
तुम जो कल तकआंकते थे कम
आज भी आंको
उतने ही नंबर दो मुझे जितने देते आए हो
मित्र ..?
मत मेरे यश को सराहो
मुझे याद है तुम्हारे
पीठ पीछे कहे विद्रूप स्वरों के शूल
जो चुभे थे
जी हाँ वे शूल जो विष बुझे थे
मित्र
अब सुबह हो चुकी है
तुम्हारी वज़ह से
सच तुम्हारी वज़ह से ही
मैंने बदला था पथ
जहां था ईश्वर
बांह पसारे मुझे सहारा दे रहा था
उसे ने ये ऊंचाई दी है मुझे
काश तुम न होते मुझे
कम आंकने वाले
तो आज मैं यहाँ न होता !!
**************************************************
बैसाखियां.....!!
अपनी बैसाखियों पर
तुम से ज़्यादा
यक़ीन करो...
वे झूठ नहीं बोलतीं
ये पीछे से प्रहार भी नहीं करतीं
ये बस साथ देतीं हैं
और तुम
अक्सर
उगलते हो ज़हर
करते हो प्रहार
पीठ के पीछे से
फ़ैंक देते हो
फ़र्श पर
उसे और चिकना करने
तेल
ताक़ि मैं गिर सकूं !!
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
मेरे बारे में
- बाल भवन जबलपुर
- जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर
Wow.....New
अलबरूनी का भारत : समीक्षा
" अलबरूनी का भारत" गिरीश बिल्लौरे मुकुल लेखक एवम टिप्पणीकार भारत के प्राचीनतम इतिहास को समझने के लिए हमें प...
-
सांपों से बचने के लिए घर की दीवारों पर आस्तिक मुनि की दुहाई है क्यों लिखा जाता है घर की दीवारों पर....! आस्तिक मुनि वासुकी नाम के पौरा...
-
संदेह को सत्य समझ के न्यायाधीश बनने का पाठ हमारी . "पुलिस " को अघोषित रूप से मिला है भारत / राज्य सरकार को चा...
-
मध्य प्रदेश के मालवा निमाड़ एवम भुवाणा क्षेत्रों सावन में दो त्यौहार ऐसे हैं जिनका सीधा संबंध महिलाओं बालिकाओं बेटियों के आत्मसम्मान की रक...