22.2.22

महाशिवरात्रि 1 मार्च 2022 को रिलीज़ होगी : "भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के प्रवेशद्वार :16000 ईसा पूर्व "

 


भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के प्रवेशद्वार :16000 ईसा पूर्व 
श्री राम एवं श्री कृष्ण मिथक न थे
 

भारतीय सभ्यता कब शुरू हुई आर्य कौन थे भारत का सांस्कृतिक विकास कैसे हुआ और किसने कियाइन सभी सवालों के जवाब आपको जानने चाहिए न ssss....!  सच्चे भारतीय को अपने भारतीय होने पर गौरव होना ही चाहिए ! गौरव तब आप महसूस करेंगे जब आप जानेंगे कि ने  आपने अपना विकास कैसे किया

यह जानने के लिए आपको चाहिए कि आप उन किताबों का अध्ययन करें जिनमें भारत के वैभव शाली सांस्कृतिक विकास का विवरण दर्ज है। भारत को जानने के लिए चीन सेंट्रल एशिया पुर्तगाल  यूनान जाने कहां-कहां से लोग उन दिनों आया करते थे जब आने जाने के लिए हवाई यात्रा संभव न थी जी हां हम भारतीयों के पास गणित था राजनीति,समाजशास्त्र , रसायन शास्त्र ,चिकित्सा शास्त्र, अर्थशास्त्र, साहित्य संगीत का ज्ञान का भंडार था था। आज आप और हम नासा के हवाले से कई बातें कहते हैं परंतु हमारे पूर्वज सूर्य सिद्धांत के आधार पर नक्षत्र विज्ञान की व्याख्या करते थे । जानते हैं सूर्य सिद्धांत किसने लिखा सूर्य सिद्धांत के लेखक मयासुर नामक असुर प्रजाति के विद्वान थे। यही नक्षत्र विज्ञान का अद्भुत ज्ञान का भंडार निमिष निमिष का हिसाब देता था। गैलीलियो बड़ी जद्दोजहद के बाद सिद्ध कर पाएगी पृथ्वी गोल है लेकिन वराह के चित्र पर आपने गेंद जैसी गोल पृथ्वी की आकृति देखी होगी यानी भारतीय नक्षत्र विज्ञान हजारों हजारों वर्ष पहले तय कर चुका था कि पृथ्वी गोल है।

मैं अपने दर्शकों को बता दूं कि - भारत ज्ञान विज्ञान के तमाम बिंदुओं के अलावा सांस्कृतिक विकास यात्रा में भी सर्वोपरि रहा है। हमारा ज्ञान 4000 या 5000 साल पुराना नहीं है बल्कि भारत की सभ्यता का विकास लाखो वर्ष पहले भारत में ही हुआ है और सांस्कृतिक विकास 16000 वर्ष ईशा पूर्व हुआ है। यह मैं नहीं कह रहा हूं यह कह रही है सामाजिक विचारक चिंतक कवि लेखक गिरीश बिल्लोरे की कृति 

"भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का प्रवेश द्वार 16000 वर्ष ईसा पूर्व..!"

यह पुस्तक अमेजॉन फ्लिपकार्ट तथा किंडल पर  01 मार्च 2022 से उपलब्ध होगी। अमेजॉन पर भारतीय पाठक प्री रिलीज आर्डर किए जा सकते हैं। विदेशी पाठक किंडल पर ही अमेजॉन के जरिए पुस्तक बुक कर सकते हैं। तो भारत को समझना है और उस पर गौरव करना है तो इस कृति को अवश्य पढ़िए

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Bhartiya Manav Sabhyta Evam Sanskriti Ke Pravesh Dwaar: 16000 Isa Purva ( भारतीय मानव–सभ्यता एवं संस्कृति के प्रवेशद्वार : 16000 ईसा पूर्व )
*Determining India's development journey in global history, this work is cordially dedicated. The formal release of book will be on Amazon on March 1, 2022, on the occasion of Mahashivratri. Reserve your copy today.*
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