2.1.21

बीबीसी की कोविड19 वैक्सीन पर जबरदस्त रिपोर्ट

विकिपीडिया में मौज़ूद जानकारी के अनुसार अमीनो अम्ल, वे अणु हैं जिनमें अमाइन तथा कार्बोक्सिल दोनों ही ग्रुप पाएं जाते हैं। इनका साधारण सुत्र H2NCHROOH है। इसमें R एक पार्श्व कड़ी है। जो परिवर्तनशील विभिन्न अणुओं का ग्रूप होता है। कार्बोक्सिल (-COOH) तथा अमाइन (-NH2) ग्रूप कार्बन परमाणु से लगा रहता है। अमीनो अम्ल प्रोभूजिन के गठनकर्ता अणु हैं। बहुत सारे अमीनो अम्ल पेप्टाइड बंधन द्वारा युक्त होकर प्रोभूजिन बनाते हैं। प्रोभूजिन बनाने में 20 अमीनो अम्ल भाग लेते हैं।यह प्रोभूजिन निर्माण के कर्णधार होते हैं। प्रकृति में लगभग बीस अमीनों अम्लों का अस्तित्व है। प्रोभूजिन अणुओं में सैंकड़ों या हजारों अमीनो अम्ल एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। प्रत्येक प्रोभूजिन में प्रायः सभी अमीनो अम्ल एक विशेष अनुक्रम से जुड़े रहते हैं। विभिन्न अमीनो अम्लों का यही अनुक्रम प्रत्येक प्रोभूजिन को उसकी विशेषताएं प्रदान करता है। 
        अमीनो अम्लों का यही विशिष्ट अनुक्रम डी एन ए के  न्यूक्लोटाइडस  के क्रम से निर्धारित होता है।
प्रोटीन क्या है -प्रोटीन मानव शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व हैं।  वे शरीर के ऊतकों के निर्माण खंडों में से एक हैं और ईंधन स्रोत के रूप में भी काम कर सकते हैं। ईंधन के रूप में, प्रोटीन  कार्बोहाइड्रेट के रूप में अधिक ऊर्जा घनत्व प्रदान करता है: प्रति ग्राम 4 किलो कैलोरी (17 केजे ); इसके विपरीत, लिपिड प्रति ग्राम 9 किलो कैलोरी (37 kJ) प्रदान करते हैं। पोषण संबंधी दृष्टिकोण से प्रोटीन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू और परिभाषित विशेषता इसकी अमीनो अम्ल संरचना है। 
  उपरोक्त  विवरण से स्पष्ट है कि मनुष्य की जटिल बायोलॉजिकल संरचना का आधार प्रोटीन ही है । जो क्रीचर के शरीर के मेंटेनेंस के लिए भी अत्यंत आवश्यक है । 
       आपने पढ़ा या सुना होगा कि -"डीएनए के निर्माण कर्ता प्रोटीनस की सुव्यवस्थित संरचना ही बेहतर स्वास्थ्य के लिए जवाबदार है ।" 
   बायोटेक्नोलॉजी के ज्ञाताओं की प्रोटीन एवम डीएनए  की संरचना को पढ़ने की ललक ने कोविड19 के विरुद्ध सफलता पूर्वक टीके विकसित कर लिए हैं ।
बीबीसी की एक रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि-"कोविड19 का वायरस जिस प्रोटीन पर सवार होकर शरीर में आसानी से प्रवेश करने में सफल रहा उसी का प्रयोग करते हुए वैज्ञानिकों ने एंटीबॉडी उत्पन्न करने का रास्ता निकाल लिया । 
    यूँ तो काय विज्ञानी 50 वर्षों से प्रोटीन जनित शरीर में मौज़ूद 20 अमीनो एसिडस के संरचनाओं पर खास तौर पर काम कर रहे थे । परन्तु सफलता कोविड19 के संघर्ष में की गई टीके की खोज के कारण मिली । 
   विद्वान यह भी मानते हैं कि- डीएनए की संरचना में प्रोटीन्स की अव्यवस्थित संरचना होने से एनीमिया,सिकलसेल, थैलेसीमिया, तथा आक्सीजन की ब्रेन में अनियमित आपूर्ति से अल्माइजर, जैसी समस्याओं के  निदान के लिए इलाज की ज़रूरत वैसे भी थी । कोविड19 के साथ  तेज़ी इसके इलाज के लिए किए गए प्रयासों से प्रारम्भिक रूप से संरचना को समझने में सफलता से कायिक चिकित्सा की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता । स्पाई प्रोटीन कोविड19 के वायरस को शरीर में प्रवेश के लिए सहायक है । और इसी प्रोटीन की मदद से बायोटेक्नोलॉजी के विद्वानों ने टीका बनाया है जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगा । 
    प्रोटीन, डीएनए,अमीनो अम्ल, की व्यवस्था को पढ़ने के बाद वैज्ञानिक इस बात के लिए उत्साहित हैं कि - अगर शरीर में मौज़ूद एवम संचारित अमीनो एसिड लाल रक्त कणिकाओं के आकार, उनके पैटर्न, आदि के अध्ययन से चिकित्सा विज्ञान में आश्चर्यजनक रूप से बदलाव लाया जा सकता है । 
बीबीसी हिंदी द्वारा प्रसारित दुनिया जहान में संदीप सोनी की खोजपूर्ण रपट को देखा जा सकता है । 
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प्रस्तुति- गिरीश बिल्लोरे मुकुल
    

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