लॉक डाउन By Nilesh Rawal

लाॅक डाउन - भाग - ६ 

कल हमने लॉक डाउन - भाग - 5  में भगवान श्री राम के व्यक्तिगत गुणों और उनके हमारे जीवन में अपने राम के तौर पर अवधरण की बात की थी कल मैंने यह भी कहा था कि कल हम भगवान राम के अपने व्यवसायिक जीवन में उपस्थिति की बातें करेंगे !
वैसे भी अगर हम ठीक ढंग से देखेंगे तो आज की तारीख में हमारे व्यक्तिगत जीवन के साथ साथ व्यवसायिक जीवन भी बहुत बड़ा हो चुका है हमारा व्यक्तिगत जीवन सीधे तौर पर हमारे व्यवसायिक जीवन से प्रभावित रहता है इसलिए यदि हमारे व्यवसायीक जीवन में राम का दिशानिर्देश मिल जाए तो व्यवसायीक जीवन के साथ-साथ व्यक्तिगत जीवन भी संतुलित हो जाएगा! 

जिस तरह से मैंने अपने राम के बारे में बताया था कि मैं अपने राम से अपने व्यक्तिगत जीवन में किन का 5 गुणों से प्रभावित हूं उसी तरह से मैं अपने व्यवसायीक जीवन में राम के किन पांच गुणों से प्रभावित हूं इस विषय पर अपनी बात आपसे साझा करता हूं !
१. समन्वय २. मानव शक्ति प्रबंधन ३. स्किल डेवलपमेंट ४. भरोसा ५ . सम्मान

१.समन्वय -  राम जीवन में समन्वय स्थापित करने का सबसे अप्रतिम उदाहरण है राम का कहीं कोई विरोधी नहीं था, सारे ही लोगों के साथ राम का कोआर्डिनेशन एकदम परफेक्ट था उनका अपने पिता से ,अपने भाइयों से, अपनी प्रजा से, जब जंगल में गए तो अपने सहयोगियों से , अपने शुभचिंतकों से एक गजब का समन्वय था ! यहां तक कि उनके सारे सहयोगियों और साथियों का भी उन्होंने आपस में बहुत गजब का समन्वय  बिठा रखा था उनका कोई भी भाई दूसरे भाई से नाखुश नहीं था, या कोई भी सहयोगी किसी सहयोगी से कोई बैर भाव या वैमनस्य नहीं रखता था शायद पूरी दुनिया में समन्वय का इससे खूबसूरत कोई भी उदाहरण हमें नहीं मिल सकता है हमारे व्यवसायिक जीवन के साथ-साथ इस करोना काल में भी समन्वय का बड़ा महत्व है हम घर पर हैं हमारा अपने परिवार, बंद ऑफिस में जब हमारे कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं और हमारा व्यापार नहीं हो रहा है आय नहीं हो रही है उस दौर में अपने साथियों के साथ अपनी टीम के साथ समन्वय की सख्त आवश्यकता है !

२ मानव शक्ति प्रबंधन-  मानव शक्ति प्रबंधन या मेन पावर मैनेजमेंट, राम मानव शक्ति प्रबंधन का इस धरती पर सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है उन्होंने अपने भाइयों की शक्ति का, अपने सहयोगियों की शक्ति का, अपने साथ जुड़े वानरों की शक्ति का, या यूँ कहें की रावण के मुकाबले बहुत कमजोर सेना की शक्ति का सही अर्थों में शक्ति प्रबंधन करके ही रावण पर विजय प्राप्त की !
कभी सोचियेगा दलितों , वानरों या वन में रहने वालों की एक कमजोर सी सेना लेकर ब्रह्मांड कि सबसे शक्तिशाली सेना और सबसे शक्तिशाली व्यक्ति रावण से युद्ध करना और उस युद्ध को जीत लेना , दुनिया का श्रेष्ठतम मेन पावर मैनेजमेंट का उदाहरण है ,करोना काल में भी इस शक्ति के प्रबंधन की बहुत आवश्यकता है प्रशासन के पास, सरकारों के पास बहुत ही सीमित संसाधन है इसलिए यह जो समाज की, स्वयंसेवकों की, समाजसेवी संस्थाओं की शक्ति है यदि हम इसका सही प्रबंधन करने में सफल हो जाए तो समाज के अंतिम छोर तक करोना काल में उसकी आवश्यकताएं पूरी करने में सफल हो जाऐंगे और यदि हम लोगों की आवश्यकता है पूरी करने में सफल हो गए तो ही हम करोना के विरुद्ध उनसे नीति नियमों का पालन करके करोना पर विजय प्राप्त कर सकेंगे! 

३. स्किल डेवलपमेंट -   राम किस तरह से लोगों का विकास किया या मेन पावर डेवलपमेंट करके उनकी जिम्मेदारी और शक्तियों का एहसास करा कर हर कार्य को करने योग्य बना दिया, उसके कुछ उदाहरण हनुमान, सुग्रीव, अंगद, नल, नील आदि है, राम ने उन लोगों को उन लोगों के अंदर शक्तियों का एहसास करा कर उन्हें विकास क्रम की उस अवस्था में ला दिया कि उनके लिए हर कार्य को करना बहुत सहज और संभव हो गया करोना काल में भी यह गुण बहुत आवश्यक है लोगों की जीवन शैली में विकास उनके जीवन में साफ सफाई का महत्व ,सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व, सेनेटाइजिंग का महत्व और उनके अंदर निहित प्रतिरोधक क्षमता का एहसास करा कर उनको विश्वास से इतना अधिक भरने की आवश्यकता है की यदि वे उपरोक्त  नीति नियमों का पालन करेंगे तो करोना कभी उन्हें छू भी नहीं सकता है !

४. भरोसा - राम दूसरों पर भरोसा करने का भी दुनिया का सर्वश्रेष्ठ  उदाहरण है जो शायद इतिहास मैं कभी कहीं और नहीं मिल सकता! श्री राम का अपने पिता पर भरोसा करना हो, गुरु पर भरोसा करना हो , वनवास देने के बावजूद माता पर भरोसा करना हो , अपने भाइयों पर भरोसा करना हो, सीता की खोज के लिए हनुमान पर भरोसा करना हो, रावण के पास से आऐ  हुए उसके भाई विभीषण पर भरोसा करना हो, सुग्रीव और उसकी सेना पर भरोसा करके लंका पर चढ़ाई करना हो,  अंगद को दूत बनाकर रावण के पास भेजना हो  एक बार सोच कर देखियेगा  राम ने हर उस काम में अपने लोगों पर भरोसा किया जो लगभग असंभव था परन्तु राम ने उस जगह पर पूरा भरोसा किया और उस भरोसे ने उस कार्य को संभव बना दिया! आज भी इस करोना त्रासदी में बहुत विश्वास और भरोसे की आवश्यकता है भरोसा हमारे प्रशासन पर , पुलिसकर्मियों पर, चिकित्सकों पर या सरकार पर  ! यह समय हमें अपने लोगों पर विश्वास सिर्फ करने का नहीं बल्कि पूरी मजबूती से अपने लोगों पर भरोसा करके इस लड़ाई में उनके साथ खड़े होने का है आप एक बार विश्वास तो करिए आप की सरकार है आपका प्रशासन , आपकी पुलिस, आपके चिकित्सक - हनुमान, अंगद, नल, नील और सुग्रीव की तरह ही अद्वितीय शक्ति के परिचायक हैं और करोना से इस युद्ध में अपनी अपनी भूमिका को पूरी क्षमता से निभा कर करोना रूपी रावण पर आप की विजय सुनिश्चित करेंगे! 

५. सम्मान-  व्यापार में , व्यवसाय में अपने से जुड़े छोटे से छोटे कर्मचारी का ,अपने से जुड़े दूसरे व्यापारियों का ,यहां तक कि अपने प्रतिद्वंद्वियों का यदि हम ठीक ढंग से सम्मान करना सीख जाए उन्हें उनका यथेष्ठ स्थान देना सीख जाएं तो शायद हमारे काम में ,व्यापार में, व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा जैसी कोई वस्तु रह ही नहीं जाएगी, राम ने बाली को मार कर सुग्रीव को  का राजा बनाया वे स्वयं नहीं बने, रावण को मारकर लंका को अपने राज्य में मिलाने के स्थान पर उससे उसका अस्तित्व देकर विभीषण को उसका राजा बनाया , बाली वध के बाद सुग्रीव के पुत्र के स्थान पर बाली के पुत्र अंगद को युवराज बनाया और हर छोटे से छोटे व्यक्ति को चाहे मल्लाह हो, चाहे शबरी हो अपने गले से लगाकर उन्हें पूरा सम्मान दिया और इसी
सम्मान देने के गुण ने राम को राम से भगवान राम बना दिया! 
करोना कॉल में भी सम्मान की बहुत आवश्यकता है चाहे करोना से लड़ने वाले प्रथम प्रथम पंक्ति के वीर हो या करोना के संक्रमण में आए लोग ! यदि करोना से संक्रमण में आए हुए लोगों को हम सम्मान नहीं देंगे तो लोग इस बीमारी के विषय में स्वयं आगे आकर बताने से डरेंगे और यदि ऐसा हुआ तो फिर करोना की यह चेन कभी नहीं टुट पायेगी!

अगर हमने अपने  राम के इन व्यवसायिक गुणों को एक बार ठीक से समझ कर अपने जीवन में अपने व्यवसाय में उतारने का प्रयास कर लिया और आंशिक उतारने में भी सफल हो गए तो हमारा कोई विकल्प हो ही नहीं सकता हम निर्विकल्प हो जायेंगे! 
जय श्री राम
निलेश रावल

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