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गुरुवार, अक्टूबर 04, 2018

युवा भतीजे ने माना भारतीय प्रजातंत्र :सबसे आदर्श व्यवस्था ।

यूट्यूब लिंक :-
https://youtu.be/6Koyg0Jubhg

श्वेता सिंह से तारिक फतह की बातचीत सुनिए और देखिए पाकिस्तान की असली तस्वीर ।  यहां तारिक फतह की हर एक बात सच्ची और साफगोई से बयां हो रही है । कायदे आजम पर उनका कथन भारत में विविधताओं का सिंक्रोनाइजेशन भाषाई संस्कृति विविधता के बावजूद धार्मिक परिस्थितियों के अलग-अलग होने के बावजूद संपूर्ण भारत किस तरह से एकीकृत है । तारिक फतेह का इतिहास अगर आप जानते होंगे तो यह भी जानते होंगे कि यह एक ऐसा विचारक है जिसकी बुनियाद पवित्र वामपंथी रही है । युवावस्था में तारिक फतह ने अपने जीवन की चिंतन को समतामूलक समाज की विचारधारा से सिंक्रोनाइज किया । तारिक फतेह एक सतत अध्ययन शील व्यक्तित्व के धनी है उनको पसंद करने वालों की भारत में संख्या पाकिस्तान की आबादी से जाता है मैं खुद भी दक्षिण एशियाई मामलों के अध्ययन में पाता हूं कि तारिक फतेह एक ऐसी शख्सियत है अगर उन्हें सही अवसर मिली तो निश्चित तौर पर पाकिस्तान को अच्छा डेमोक्रेटिक राष्ट्र बनाने में सबसे बड़ा योगदान देंगे किंतु पाकिस्तान की डेमोक्रेसी प्रों मिलिट्री डेमोक्रेसी है आज ही मेरा भतीजा चिन्मय जो पिछले इलेक्शन के बाद वोटिंग पावर का हकदार हुआ है ने पूछा कि क्या पाकिस्तान में हमारे जैसा डेमोक्रेटिक सिस्टम है मित्रों मुझे समझाने और उसने मेरे कहे को समझने में कोई विलंब नहीं किया ।
उसी भारतीय डेमोक्रेसी को सबसे ऊपर पाकर जिस तरह से भावनात्मक खुशी जाहिर की उससे मैं बहुत प्रभावित हुआ हूं लेकिन पाकिस्तान का युवा क्या ऐसा ही सकारात्मक सोच ता है मुझे संदेह है ।
भारत के संपूर्ण विकास में वहां का युवा शामिल है जिसके पास सोचने की शक्ति है जो मौलिक विचारों से भरा है जो तलाश ता है अपने दिमाग में उभरने वाले सवालों को Chinmay की तरह ।
चिन्मय मेरा भतीजा है इंजीनियरिंग का छात्र है इकोनामिक सिस्टम सोशल सिस्टम कि उसे समझ है । सवाल करता है क्रिकेट देखता है किताब पढ़ता है सोचता है समझता है अखबारों की खबरें रिफरेंस के तौर पर याद रखता है ऐसे युवा दक्षिण एशिया में बहुत मात्रा में मिलते हैं ना केवल हिंदुस्तान बल्कि बांग्लादेश चाइना नेपाल श्री लंका यहां तक कि पाकिस्तान में भी ऐसे युवाओं की कमी नहीं है लेकिन भारत में ऐसे युवाओं को रास्ते सूझते हैं उन्हें काम करने की अपॉर्चुनिटी मिलती है । वह अपने वोट की कीमत जानते हैं आज बातों बातों में उसने मेरा मन टटोलना चाहा कि मैं किसे वोट दूंगा । आखिर मेरा भतीजा जो ठहरा अन्वेषण की आदत है समझने की कोशिश करता है पर मैंने कहा यह मेरा व्यक्तिगत एवं गोपनीय अधिकार मैं किसी वोट दूंगा यह सिर्फ मुझे मालूम होगा इसे गोपनीय रखने का हक भी मुझे है और वोट डालने का अधिकार भी डेमोक्रेसी में दिया हुआ है ।
तब उसने कौतूहल बस या जानबूझकर मुझसे पूछा कि फिर मैं क्या करूं ?
चिन्मय को मैंने यह सलाह दी कि तुम समाचारों को रेफरेंसेस को पढ़ते रहो समझते रहो अपना चिंतन अपनी राह स्वयं तय करो और जो तुम्हें आदर्श लगता है उसे चुन मेरे कहने से तुम्हारा चुनाव करना तुम्हारे अधिकार पर मेरा अतिक्रमण होगा जो अधिकार तुम्हें मिले हैं उस अधिकार का प्रयोग भी करना तुम्हें आना चाहिए ।
मुस्कुरा कर उसने तुरंत ही अगला सवाल किया कि क्या भारत की सेना और रॉ के बीच पाकिस्तान की आर्मी और आईएसआई जैसे संगठन के समान प्रतिस्पर्धा है ।
क्या भारत की रॉ अत्यधिक शक्तिशाली है या आर्मी.. ?
मैंने अपने ज्ञान के आधार पर बताया कि भारत की सर्वोच्च शक्ति भारत का प्रजातंत्र है रॉ का अपना महत्व है सेना की अपनी जिम्मेदारी है कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट की अपनी ड्यूटी है तो आयकर विभाग की अपनी जिम्मेदारी है कोई किसी की जिम्मेदारियों और कार्यवाही यों में मौजूद ला के हिसाब से हस्तक्षेप नहीं करता है और ना ही उनमें आपसी प्रतिस्पर्धा है यह है संपूर्ण आदर्श डेमोक्रेटिक सिस्टम का बेहतरीन उदाहरण जो अमेरिका में भी संभवत: नहीं है ...!
चिन्मय और मेरे बीच हुए लंबे संवाद का सार तत्व यह है कि भारतीय युवा सामान्य रूप से एक्स्ट्राऑर्डिनरी टैलेंट से भरा हुआ है उसमें समझने सीखने की उत्कंठा है कभी आप देख रहे होंगे कि यूरोप में टॉप कंपनी के सीईओ प्रशासन में महत्वपूर्ण पदों पर बैठने वाले लोग भारतीय ही तो है अमेरिका इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण है ।
कल मेरी बेटी ने बताया की ब्रसेल्स में आय का स्तर भारतीय प्रति व्यक्ति आय से अधिक है । लेकिन कर्मठता भारतीय उपमहाद्वीप के युवाओं की ही नजर आती है इसके पहले जब वह एमस्टरडम में थी तब उसका यही मत था ।
एशियाई देशों में संघर्षशीलता और कर्मशील युवाओं का अकूत भंडार है चाइना को छोड़ दिया जाए तो भारत बांग्लादेश इस श्रेणी में शामिल होने वाली दो महत्वपूर्ण राष्ट्र है ।
मित्रों भारतीय प्रजातांत्रिक व्यवस्था अपेक्षाकृत अधिक पारदर्शी एवं कैस्टेड ओके कही जा सकती है अगर शिक्षा का स्तर बढ़ाने में हर एक धर्म संप्रदाय भारत के लोगों की मदद करें तो यूनाइटेड किंगडम जैसे राष्ट होने में भारत को बहुत अधिक समय नहीं लगेगा ।
मुझे उम्मीद है दशकों में भारत अपना पूरी तरह से लोहा मनवाने की क्षमता को प्रदर्शित कर ही देगा ।
इसके लिए भारतीय युवाओं को हमें खासतौर पर प्रिंट मीडिया डिजिटल मीडिया जिसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भी कहेंगे तथा शिक्षा व्यवस्था को सहयोग करना पड़ेगा । निर्वाचन प्रक्रिया के पूर्व अनियंत्रित वक्तव्य लालच देने वाले प्रयासों से ऊपर उठकर राष्ट्र प्रेम के संवाद विस्तारित करने होंगे ।
सामाजिक स्थितियों धार्मिक विवादों आरक्षण आरक्षण पर सहमति विरोध अपनी पहचान खोने का डर ताक पर रखकर बच्चों को सच्चे और अच्छे विचारों से अवगत कराते रहना होगा ।
मित्रों भारत का प्रजातंत्र बहुत आदर्श प्रजातंत्र है उसकी कमियां अगर कुछ हैं तो वह दूर हो सकती हैं अगर हम चाहे तो जा रहे हैं ना आप इस बार अपने पसंदीदा प्रतिनिधि को चुनने के लिए पिकनिक पिकनिक का मामला पहले निपटा लीजिए या बाद में जाइए सबसे पहले सुबह से मतदाता वाली लाइन में जरूर लग जाइए ।

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