संवेदनशील किन्तु सख्त सख्शियत : आई पी एस आशा गोपालन
आशा जी के दौर में मैं हितकारणी ला कालेज से जॉइंट सेक्रेटरी का चुनाव लड़ रहा था . मुझे उनके मुझसे मेरी बैसाखियाँ देख पूछा था- "आप क्यों इलेक्शन लड़ रहे हो..?" मेरा ज़वाब सुन बेहद खुश हुईं मातहत अधिकारियों को मेरी सुरक्षा के लिए कहा.. ये अलग बात है..... एक प्रत्याशी के समर्थक ने कट्टा अड़ाया मित्र #प्रशांत_श्रीवास्तव को .. और मित्र अपनी छोटी हाईट का फ़ायदा उठा भाग निकले थे ...... इस न्यूज़ ने वो मंजर ताज़ा कर दिया.. वे मुझे जान चुकीं थी । एक्जामिनेशन के दौरान एक रात हम कुछ मित्र पढ़ते हुए चाय पीना तय करतें हैं किन्तु स्टोव में कैरोसिन न होने से ये तय किया कि चाय मालवीय चौक पर पीते हैं । दुर्भाग्य से सारी दुकानें बंद थीं । बात ही बात में पैदल हम सब मोटर स्टैंड ( यही कहते थे हम सब बस अड्डे को जबलपुर वाले ) जा लगे । चाय पी पान तम्बाकू वाला दबाए एक एक जेब में ठूंस के वापस आ रहे थे तब मैडम आशा गोपालन जी की गाड़ी जो नाइट गस्त पर थीं इतना ही नहीं आईपीएस अधिकारी एम्बेसडर की जगह टी आई की जीप पर सवार थीं । टी आई लार्डगंज भी मुझे पहचानते थे सुजीत ( वर्तमान #बीजेपी_नेता ) अजीत ( वर्तमान टी