फेसबुक पर जितेन्द्र
प्रताप सिंह द्वारा प्रस्तुत पोस्ट में
नेत्र दिव्यांग बेटी अलीराजपुर शारदा की कहानी ने मन को
स्पर्श किया आप भी देखिये
कुछ साल पहले कलेक्टर से मिली थी और
उनसे पढाई में कुछ मदद करने की अपील की .. कलेक्टर ने तुरंत आदिवासी विकास निधि से
दस हजार रूपये का ड्राफ्ट दिया और आगे भी मदद करने का आश्वासन दिया ..फिर कुछ ही
महीनों बाद शारदा का देना बैंक में चयन हो गया .. और नौकरी मिलते ही वो दस हजार का
ड्राफ्ट बनवाकर सरकार को वापस करने के लिए कलेक्टर को दी .. जबकि कलेक्टर ने उसे
उधार के तौर पर नही बल्कि सरकारी सहायता के तौर पर दिए थे ... उसने कहा की अब मै
अपने पैरो पर खड़ी हो चुकी हूँ ..इसलिए मेरा फर्ज है की सरकार की मदद को मै सरकार
को वापस कर दूँ .