संतलाल पाठक |
संभागीय बाल भवन जबलपुर के प्रतिभाशाली कलाकारों क्रमश: मास्टर संतलाल पाठक वर्ष 2011 में प्रदर्शनकारी कला एवं मास्टर रोहित गुप्ता को चित्रकला के लिए वर्ष 2012 के लिए राष्ट्रीय बालश्री अलंकरण के लिए चयनित किया है . इन बाल प्रतिभाओं को विज्ञान भवन नई दिल्ली में 29 जनवरी 2014 को आयोजित एक भव्य समारोह में श्रीमती स्मृति ईरानी द्वारा बालश्री अलंकरण से अलंकृत किया जावेगा । इसके पूर्व वर्ष 2010 को संभागीय बाल भवन जबलपुर को पहली बार गौरव प्रतिभाशाली बालिका कु. खुशी पाल बालश्री अलंकरण प्राप्त कर दिलाया था.
10 जून 1996 को सतना जिले के सामान्य कृषक श्री सत्यनारायण पाठक एवं श्रीमती आशा पाठक के घर जन्मे मास्टर संतलाल पाठक जन्म से ही नेत्रज्योति विहीन हैं । मास्टर संतलाल ने अंध मूक विद्यालय जबलपुर में अध्ययन के साथ साथ बाल भवन में सुश्री शिप्रा सुल्लेरे से संगीत की शिक्षा ग्रहण की है, वर्तमान में वे बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी हैं । इतना ही नहीं वे विशेष बच्चों के लिए एक मोटीवेटर के रूप में जाने जाते हैं । सीमित साधनों में दृढ इच्छा शक्ति एवं आत्मिक साहस के कारण संतलाल ने बाल श्री हेतु संभागीय , ज़ोनल एवं राष्ट्रीय स्तर की चयन की कठिन प्रक्रिया में सहजता से सफलताएँ हासिल कीं हैं । कवि हृदय संतलाल पाठक प्ले-बैक सिंगर बनाना चाहते हैं किन्तु उच्च शिक्षा के लिए वे बी एच यू में दाखिले के इच्छुक हैं । साथ ही वे उमरिया कलेक्टर श्री के जे तिवारी को अपना आदर्श मानते हुए कहते हैं कि – सफलता कड़ी मेहनत एवं लगन से ही हासिल होती है । सतत साधना किसी भी बाधा को लांघने की शक्ति देती है ।
चित्रकला के लिए बालश्री अलंकरण वर्ष 2012 के लिए चयनित मास्टर रोहित गुप्ता पंडित लज्जा शंकर झा उ. मा. विद्यालय में वर्तमान में बारहवीं के विद्यार्थी हैं । गढ़ाफ़ाटक निवासी श्री राजीव एवं श्रीमती अलका गुप्ता के पुत्र मास्टर रोहित का सपना है कि वे देश के ख्याति प्राप्त आर्किटेक्ट के रूप में प्रतिष्ठित हों । अपनी सफलता का श्रेय अपनी गुरु श्रीमती रेणु पांडे को देने वाले रोहित ने जिला, संभाग, एवं राज्य स्तर कई पुरस्कार अर्जित किए हैं ।
रोहित गुप्ता |
बाल भवन संचालक गिरीश बिल्लोरे ने बताया – “मेरे पूर्ववर्ती अधिकारियों क्रमश: श्रीमती शालिनी तिवारी एवं श्रीमती मनीषा लुम्बा के उचित प्रबंधन के परिणाम स्वरूप बालश्री हेतु दो बच्चों का चयन हुआ है । वर्तमान में चार अन्य प्रतिभागी ज़ोनल-स्तर के लिए चयनित हुए हैं उम्मीद है कि इस बार भी संस्कारधानी को अधिक सम्मान मिलेगा । बाल भवन जबलपुर नें वर्ष 2015 में बच्चों के लिए गतिविधियों में कुछ अहम बदलाव भी किए गए हैं जिसमें क्रिएटिव राइटिंग, साहित्य, काव्य, एवं गद्य लेखन, वक्तव्य कला, के साथ साथ मार्शल आर्ट, वालीबाल, थियेटर, पर विशेषरूप ध्यान दिया जा रहा है ।
बालश्री अवार्ड हेतु चयनित बच्चों को नकद राशि, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाता है ।