3.7.13

डू यू नो हू एम आय !

अमेरिकन बाला के हाथों
सजती हमारी तस्वीर 
ओबामा : सम थिंग अबाउट
मिसफिट गिरीश मुकुल 
                    दीन दुनिया से बेखबर हमको पता ही न था कि हम भी सेलिब्रिटी बन गये हैं इस बात का पता लगते ही हमने खुद को खुद ही ज़ोर से च्यूँटी काटी पर हमको भरोसा न हुआ सो हमने पड़ोस में बैठे फत्तेदास जी को बोला -"भाई एक लप्पड़ तो मारो हमको ?"
ओबामा : मोर  थिंग अबाउट
मिसफिट गिरीश मुकुल 





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समीरलाल के साथ
हमारी शिखर वार्ता
की तस्वीर जो विदेशी संग्रहालय
की शान है  
हमारी लोकप्रियता का
ज़लवा 
  वे तो ऐसे मौके की तपास में बैठे ही थे बरसों से बचपन में उनको  अक्सर  लपड़याते थे रिवेंज का सही वक़्त पाते ही हमारे गुलाबी गाल उनके लप्पड़ से सुर्ख लाल हो गया. तब जाके हमको महसूस हुआ कि हम कोई सपना नहीं देख रहे हैं वास्तव में हम सेलिब्रिटी  बन गये हैं. हमारे मे ऐसा को गुन नहीं है कि हम सेलिब्रिटी का ओहदा हासिल कर लें पर हमारे मित्र राजीव तनेजा  ने जो तस्वीरें भेजीं उससे साबित हुआ कि- हम विश्व में कित्ते फेमस हैं । अब देखिये न हमारी तस्वीर अमेरिकन  बाला कितने प्रेम से बना रही है. बनाए भी क्यों न जब  उनके देश के  राष्ट्रपति ओबामा जी  स्वयं हम पर विस्तार से सफ़ेद-घर में प्रेस को बता रहे हों सम थिंग अबाउट मिसफिट गिरीश मुकुल  तना ही नहीं अब  हम जो भी करते हैं उसकी खबर पर नमक मिर्च लगा के हमारे कुछ चुगलखोर टाईप के  मित्र हमारा मज़ाक उडाते थे पर अब - भाई अब तो स्थिति उलट है   न्यूज़ चैनल वाले , अखबार वाले हमारे वर्ज़न के बिना समाचार प्रकाशित ही नहीं करते हम भी पुराने डिबेटर रहे हैं डी.एन. जैन कालेज वाले कुछ भी आंय-बांय बक देतें हैं. सभी लोग ऐसा ही करते हैं है न टीवी पर आपने बहस तो देखी होगी यही सब दिखाते हैं. जब हम टी वी पर अपना वक्तव्य दे रहे होते हैं तब अमेरिका सहित सभी  देशों के घरों में पली बिल्लियां तक  हमारा तन्मयता से अवलोकन करतीं हैं । कुत्ते भी करते होंगे कौन जाने  .
                             हां एक बात बताना रह गया कि- मशहूर चिट्ठाकार  समीरलाल के साथ हमारी शिखर वार्ता की तस्वीर विदेशी संग्रहालय की शान बन चुकी है जानते हैं किस विषय पर बात कर रहे थे हम ... चलिये छोड़िये  बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी . एक सूचना सुधि पाठक जान लें की मेरी पहली और  आख़िरी फिलम  ग़दर-पार्ट 2    अब शीघ्र रिलीज़ हो जाएगी तब तक आप लोग पोस्टर देखिये 
कल जब ये फिलम रिलीज़ होगी
तब दुनिया का हर  फिल्म
एवार्ड हमारे नाम होगा  
  

                       तस्वीरों में आप ने हमारा जलवा देखा जिसे देख  आपके पास से जलने की गंध आ रही है. तभी तो  पूछ   रऐ हो  कि- हम सेलिब्रिटी  क्यों बने ? 
भाई, फत्तेदास जी कोई सेलीब्रिटी खुद बनाता   है का ...? बना जाता है । नत्थू लाल की मूंछों ने नत्थू को सेलीब्रिटी बनाया मंटू से  पूछो की लोग पिट के बन जाते हैं अरे हम सेलीब्रिटी बन गए तो आपको काहे अजमेरी कीड़ा काट रहा है.. तो उसपे सवाल काहे दाग रए हो भैया । .. अच्छा एक बात बताओ जितने लोग सेलेब्रिटी हैं उनमें क्या खूबी है.. कुछ नईं न तो हम में क्यों खूबियां तपासते हौ.. भैये 
 

नोट : भाई पद्म सिंह भाई राजीव तनेजा ,ललित शर्मा को आलेख समर्पित है
बाकी सबको अर्पित है 

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मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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