11.11.12

मिसेज़ गुप्ता मुहल्लेवालों के साथ दीपावली मनाती हैं या..?


बात पिछली दीपावली की है। भूल गया था,  पर इस बार दीपावली की धूमधाम शुरू होते ही याद आ गई।
त्योहार की धूमधाम भरी तैयारियों में पिछले साल श्रीमती गुप्ता ने ढेरों पकवान बनाए सोचा मोहल्ले में गज़ब का प्रभाव जमा देंगी।  बात ही बात में गुप्ता जी को ऐसा पटाया की यंत्रवत श्री गुप्ता ने हर वो सुविधा मुहैय्या कराई जो एक वैभवशाली दंपत्ति को को आत्म प्रदर्शन के लिए ज़रूरी थी। “माडल” जैसी दिखने के लिए श्रीमती गुप्ता ने साड़ी ख़रीदी और गुप्ता जी को कोई तकलीफ न हुई। 
घर को सजाया सँवारा गया,  बच्चों के लिए नए कपड़े बने। कुल मिलाकर यह कि दीपावली की रात पूरी सोसायटी में गुप्ता परिवार की रात होनी तय थी। चमकेंगी तो गुप्ता मैडम, घर सजेगा तो हमारे गुप्ता जी का, सलोने लगेंगे तो गुप्ता जी के बच्चे, यानी ये दीवाली केवल गुप्ता जी की होगी ये तय था।
             समय घड़ी के काँटों पे सवार दिवाली की रात तक पहुँचा,  सभी ने तयशुदा मुहूर्त पर ही पूजा की गई। उधर सारे घरों में गुप्ता जी के बच्चे प्रसाद (आत्मप्रदर्शन)  पैकेट बांटने निकल पड़े । जहाँ भी वे गए सब जगह वाह वाह के सुर सुन कर बच्चे अभिभूत थे किंतु भोले बच्चे इन परिवारों के अंतर्मन में धधकती ज्वाला को न देख सके। ईर्ष्यावश सुनीति ने सोचा बहुत उड़ रही है प्रोतिमा गुप्ता, क्यों न मैं उसके भेजे प्रसाद-बॉक्स दूसरे बॉक्स में पैक कर उसे वापस भेज दूँ, यही सोचा मुहल्ले क़ी बाकी सभी महिलाओं ने और नई पैकिंग में पकवान-मिठाइयां वापस रवाना कर दिए गये श्रीमती गुप्ता के घर। यह कोई संगठित कोशिश न थी.  केवल बदले की भावना बल्कि एक स्वाभाविक आंतरिक प्रतिक्रया थी, जो सार्व-भौमिक सी होती है। आज़कल आम है। कोई माने या न माने सच यही है जितनी नकारात्मक कुंठा इस युग में है उतनी किसी युग में न तो थी और न ही होगी । इस युग का यही सत्य है।
               दूसरे दिन श्रीमती गुप्ता ने जब डब्बे खोले तो उनके आँसू निकल पड़े जी में आया कि सभी से जाकर झगड़ आऐं किंतु पति से कहने लगीं, ”अजी सुनो चलो ग्वारीघाट गरीबों के साथ दिवाली मना आएँ।
     बात बीते बरस की है पता नहीं इस बरस क्या होगा.  मिसेज़ गुप्ता मुहल्लेवालों के साथ दीपावली मनाती हैं या ग्वारीघाट के गरीबों की उन्हें दुबारा याद आती है।

1 टिप्पणी:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
त्यौहारों की शृंखला में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धनपूजा और भाईदूज का हार्दिक शुभकामनाएँ!

Wow.....New

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