2.2.12

"ईमानदार वही जिसे मौका मिला नहीं..!!"

साभार: रोजनामचा
प्रिय देशवासियो
 आप जो आम जनता हैं आकुल-व्याकुल आम जनता आपमें से हरेक भ्रष्टाचार से परेशान हैं हलाकान हैं. आपकी मुश्क़िलों के  बारे में अक्सर बारास्ता अखबार और दिन भर चालू खबरीले चैनल्स से पता चलता है. आप वही हो न जो अक्सर अपने बच्चे का एडमिशन मोटी फ़ीस देकर नामचीन स्कूल में चाहते हो है न. अर्र भूल गये वो दिन जब तुम बेटे को अव्वल लाने के लिये स्कूल मास्टर को अपनी औक़ात के मुताबिक़ उपहार देने गये थे.. है न ये अलग बात है कि मास्टर को उसकी बीवी की वज़ह से  एथिक्स को बायपआस करना पड़ा था.
                     तुम जो बेटी के लिये लड़का खोजने गए थे और मिला भी तुमने उसके पद की पतासाजी के बाद बीवी को बताया था कि सरकारी मुलाज़िम है... ऊपरी कमाई वाली कुर्सी पे बैठा है अपनी जुगनी के वास्ते फ़िट है    
          तुम कित्ते आकुल-व्याकुल है.. सब जानते हैं तुमको जब अवसर मिला नौचा-लूटा खसोटा समूचे देश को.तुम वो जो टेक्स मार लेते हो तुम जो वोट वाली ताक़त बेच देते हो दो बाटल दारू में. तुम जो ब्लैक में किचिन में गैस जलाते हो कितने ईमानदार हो तुम्हारे माथे पे लिक्खा तो है जाओ ज़रा आईने के सामने सब साफ़ नज़र आ जाएगा तुम जो ईमानदारी का पोटला लिये घूम रहे हो बेईमानी के विरोधी हो अच्छी बात है बस अब डटे रहना इसी हौसले के साथ कोई समझौता न करना वैसे मेरी राय में  ईमानदारी की परिभाषा एकाध ही ईमानदारी से देने की योग्यता रखता होगा. 
                        किसी पे भी आरोप लगा दो बेशक उसे बीच बाज़ार नंगा कर बेईमान को गरियाओ पर सबसे पहली गाली वो दे जिसने खुद कभी भ्रष्टाचार न किया हो.. अपना बेटा न बेचा हो ...... 
            शायद ही तुम में से कोई आगे आ पाएगा तो स्वीकार लो न "ईमानदार वही जिसे मौका मिला नहीं"

3 टिप्‍पणियां:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

वाकई

रविकर ने कहा…

आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति आज charchamanch.blogspot.com par है |

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत सुन्दर सार्थक रचना। धन्यवाद।

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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