28.1.12

युवक का सिर काटा और लेकर पहुंच गई थाने

Deshbandhuजबलपुर !  जिला मुख्यालय से करीब 45 किलो मीटर दूर मझौली के एक गांव में एक महिला ने अपनी आबरू बचाने के लिए एक युवक की सिर को कुल्हाड़ी से काट धड़ से अलग कर दिया और सिर को बोरी में भरकर बहोरीबंद थाने पहुंचे गई। बोरी में मानव मुण्ड देख पुलिस कर्मी सकते में आ गए। बहोरीबंद पुलिस ने तत्काल महिला और सिर को लेकर मझौली थाने पहुंचे क्योंकि मामला मझौली थाना क्षेत्र का था। महिला का पति पहले से ही जेल में बंद है। उधर इस घटना के बाद से गांव में सनसनी व्याप्त है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मझौली के आमोदा गांव में श्रीराम सेन अपनी पत्नी बच्चों के साथ रहता था। कुछ दिन पहले श्रीराम सेन  चोरी के एक मामले में पकड़ा गया और पुलिस ने उसे दमोह जेल भेज दिया। पति के जेल जाने के बाद  राजकुमारी सेन 35 वर्ष गांव में ही मेहनत मजदूरी करके घर चलाने लगी। बताया गया है कि ग्राम अमोदा के करीब पीडब्लूडी का कोई निर्माण कार्य चल रहा है। राजकुमारी यहां मजदूरी कर रही थी। कुछ दिनों से गांव का ही रहने वाला श्यामलाल यादव 38 वर्ष राजकुमारी को परेशान कर रहा था। यह बात कई लोगों को पता थी। आज दोपहर 3 बजे श्यामलाल यादव ने राजकुमारी के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया तो राजकुमारी अपनी आबरू बचाने के लिए कुछ दूर भागी इस दौरान उसे सड़क किनारे पड़ी एक कुल्हाड़ी मिल गई। बताते है राजकुमारी ने कुल्हाडी उठाई और उसे पकड़ने आ रहे श्याम लाल पर हमला कर दिया पहले ही हमले में श्यालाल लड़खड़ा गया और मौका मिलते ही राजकुमारी ने श्यामलाल के ऊपर कई वार कर दिए। इससे श्याम लाल की मौत हो गई। उसके बादे राजकुमारी ने उसके गले पर हमला करके सिर को धड़ से अलग कर दिया और एक बोरी में सिर लेकर बहोरीबंद थाने पहुंच गई। बोरी के अंदर मानव सिर देख पुलिस कर्मी घबरा गए और महिला सहित नर मुण्ड को लेकर मझौली थाने पहुंचे। यहां राजकुमारी सेन ने अपने बयान में बताया कि श्यामलाल यादव उसके पति के जेल जाने के बाद उसके साथ 3 बार दुष्कर्म कर चुका था। आज फिर श्यामलाल ने उसके साथ दुष्कर्ष की कोशिश की तो उसने कुल्हाड़ी से वार कर उसकी हत्या करने के बाद उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। राजकुमारी से रक्त रंजित कुल्हाड़ी, सिर और खून से सनी साड़ी आदि पुलिस ने बरामद कर ली है।

1 टिप्पणी:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

जब व्यवस्था से भरोसा उठ जाता है तभी ऐसी घटनाएँ होती हैं.

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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