पिछले दिनों बेटे ने ये करवाया मुझसे .....कहता है कभी खुद का भी पढ़ो....तो ये पॉडकस्ट उसी का नतीजा है...अब सुनिये.....
मेरी कविता -- मेरी आवाज में
मेरी कविता -- मेरी आवाज में
" अलबरूनी का भारत" गिरीश बिल्लौरे मुकुल लेखक एवम टिप्पणीकार भारत के प्राचीनतम इतिहास को समझने के लिए हमें प...
7 टिप्पणियां:
वाह!
घुघूतीबासूती
bahut sundar kavita aur utni hi sundar aapki aawaz...
यह है असली सृजन जबस्दस्त बधाई
वाह अर्चना जी वाह
बहुत अच्छी लगी. बार बार सुनने लायक...
आप सभी का शुक्रिया !!!आभार समय देकर सुनने के लिए...
दुखद सत्य, सार्थक कविता, मधुर पाठ!
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