मुबई में हिन्दी चिट्ठाकारों ने नहीं मचाया धमाल : खूब गंभीरता से विमर्श हुआ
आज हम मुम्बई पहुँच गये हैं। यह ब्लॉगरी जो न जगह दिखाए। जी हाँ, हम ब्लॉगरी की डोर पकड़कर अपने घर से करीब डेढ़ हजार किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कल्याण इलाके में एक महाविद्यालय में अपने ब्लॉगर मित्रों के साथ कुछ खास चर्चा के लिए इकठ्ठा हो गये हैं। किस-किसका जुटान हो चुका है यह बाद में। उद्घाटन सत्र शुरू होने जा रहा है। उसके पहले पहली पूरा पढ़ने और टिप्पणी...
THURSDAY, DECEMBER 08, 2011 | 27 COMMENTSदेश-विदेश के हिन्दी चिट्ठाकारों का मुंबई में जमावड़ा :क्या आप भी इसमें दिखाई दे रहे हैं
मुंबई चिट्ठाकारों से समृद्ध होती जा रही है एक संगोष्ठी आज हुई अनीता कुमार जी के महाविद्यालय में दूसरी हो रही है या हो रही है पुस्तक विमोचित कार्य सभी उचित वैसे तो जुट गए हैं चिट्ठाकार खाने में और पीने में भी पियक्कड़ चिट्ठाकारों को पहचानिए। बाकी को भी जानिए अभी तो चित्रों की लीजिए बानगी कल जीवंत प्रसारण होगा आते हैं हम अभी आप संभल जाइये यहां...
चिट्ठा क्या है विचारों की आग की तपन को मानस तक पहुंचाने का तंदूर जिससे न तो देश दूर है और न विदेश। प्रत्येक नेक तन मन के आसपास है जिसका बसेरा। ऐसा नूतन है सवेरा जो प्रात:काल की सूर्य की ऊर्जा प्रदायी किरणों के तौर पर मन में उतरता है और बस जाता है। चिट्ठा कौन बना सकता है प्रत्येक जीवधारी या निर्जीव भी चिट्ठे पर सक्रिय रह सकता है। निर्जीव की सक्रियता के लिए क्रिया...