7.11.11

बेटी-बचाओ अभियान : वरिष्ट कवि मोहन शशि जी ने लिखी 587 पृष्ट लम्बी कविता "बेटे से बेटी भली "

जबलपुर के वरिष्ट रचनाकार साहित्यकार सोशल-एक्टीविस्ट एवम भास्कर जबलपुर के फ़ीचर-एडिटर  श्रीयुत मोहन "शशि" द्वारा लगातार हृदयाघातों के बावज़ूद बेटी के प्रति सामाजिक नकारात्मक्ता से मानसिक तौर पर विमुक्ति की के लक्ष्य को लेकर 587 पृष्ट लम्बी कविता "बेटे से बेटी भली " लिखी है.
मोहन शशि जी मध्य-प्रदेश की उसी मिलन संस्था के जनक हैं  जिस संस्था ने देश भर को एक सांस्कृतिक आंदोलन के लिये  दिशा दी थी.
शशि जी बातचीत का एक एपीसोड पेश है


शशि जी से  बैमबज़र पर एक भैंटवार्ता सुनिये


587 पृष्ठीय कविता जो मध्य-प्रदेश सरकार के बेटी-बचाओ अभियान का एक तरह से समर्थन है के लोकार्पण के पूर्व "मोहन शशि जी से  श्री विजय तिवारी किसलय की भेंटवार्ता" सुन सकते हैं .


 विस्तृत आलेख हिंदी साहित्य संगम पर अवश्य देखिये 

1 टिप्पणी:

ASHOK BAJAJ ने कहा…

आपका प्रयास सराहनीय है , आपकी मेहनत , कर्मठता एवं दृष्टिकोण की दाद देनी पड़ेगी . आभार .

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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