4.10.11

बेटी बचाओ अभियान :गिरीश का गीत

साभार आईबीएन

मधुर सुर न सुनाई दें जिस घर से वो घर कैसा 
न माडी जाए रंगोली जिस दर पे वो दर कैसा ?
********************
बिना बेटी के घर लगते अमावस की घुप रातें 
न रुन झुन पायलें बजतीं न होती हैं मृदुल बातें
न दीवारों पे  रौनक और  देहरी से चमक गायब-
देखता जो भी सोचे ये घर तो है मगर कैसा ..?
                       मधुर सुर न सुनाई दें जिस घर से वो घर कैसा 
********************
वो बेटी ही तो होती है कुलों को जोड़ लेती है
अगर अवसर मिले तो वो मुहाने मोड़ देती है
युगों से  बेटियों को तुम परखते हो न जाने क्यूं..?
जनम लेने तो दो उसको जनम-लेने से डर कैसा..?
 मधुर सुर न सुनाई दें जिस घर से वो घर कैसा
                         मधुर सुर न सुनाई दें जिस घर से वो घर कैसा
******************** 
पालने से पालकी तक की  चिंता छोड़ के आना
वो बेटों से भी बेहतर है ये चिंतन जोड़ ते लाना
उसे तुमने जो अब मारा धरा दरकेगी ये तय है-
उसे ताक़त बनाओगे जमाने से डर कैसा
                         मधुर सुर न सुनाई दें जिस घर से वो घर कैसा 
                         न माडी जाए रंगोली जिस दर पे वो दर कैसा ?
********************

6 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

शानदार प्रस्तुति |
बहुत-बहुत आभार ||

ρяєєтii ने कहा…

मधुर सुर न सुनाई दें जिस घर से वो घर कैसा...माडी जाए रंगोली जिस दर पे वो दर कैसा ?
Satya kaha aapne..!

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

मस्त गीत है।

ASHOK BAJAJ ने कहा…

बहुत अच्छा अभियान है , यह धर्म का काम है . मध्यप्रदेश की सरकार इस दिशा में बेहतर काम कर रही है . माननीय शिवराज सिह चौहान तथा आप सब धन्यवाद के पात्र है . श्री दुर्गाष्टमी की शुभकामनाएं .

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

बेशक़ एक बेहतरीन शुरुआत

विवेक रस्तोगी ने कहा…

बेहतरीन गीत

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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