25.10.11

मिसफ़िट के पाठकों की संख्या 50,000 का आंकड़ा पार


किसी के लिये हो न हो मेरे लिये बड़ी बात है कि मिसफ़िट के पाठकों की संख्या 50,000 का आंकड़ा पार कर चुकी है.मेरे बेशक सभी ब्लाग के पाठकों की संख्या को जोड़ लें तो ७५ हज़ार से ज़्यादा है. पर क्या लिखने मात्र से यह सम्भव था. कदापि नहीं.. मुझे  आभासी दुनिया का एहसासी स्पर्श जो मिला बहुत उत्साहित किया सबने टांग भी खींची पर अर्रा के खुद ही गिर गये कुछेक उनकी यह दशा मुझे दुखी कर रही है.. बहरहाल सभी का आभार कि मिसफ़िट को एक महत्व-पूर्ण दर्ज़ा दिलाया
                                  आभार उनका जो साथ हैं जी जो साथ थे जो सदा साथ होंगें जो साथ आ जाएंगे कल..! और मुझ जैसे अकिंचन को  जो अपने अभिव्यक्त विचारों के पुलिंदे को लेकर बेहद मायूस था  .. कि क्या करूं किस तरह लोगों तक ले जाऊं इनको उत्साहित किया. समीरलाल श्रद्धा जैन पूर्णिमा वर्मन जैसे हस्ताक्षरों का तो आजीवन ऋणी रहूंगा जिनने हिंदी ब्लागिंग के सलीके सिखाए इन त्रि-मूर्तियों को गुरु का दर्ज़ा दिये बिना मुझे चैन न मिलेगा.
2007 से शुरु ब्लागिंग का सफ़र में मुझे ललित शर्मा,यशवंत सिंह,अशोक बज़ाज,शायर अशोक,  ने बेहद प्रोत्साहित किया उधर बिंदास सरदार पाबला जी वाह क्या कहने उनका ज़िक्र किये बगैर तो बात पूरी न होगी इंदू पुरी जी, संगीता पुरीजी,मनोज कुमार,Akhtar khan Akela 
शरद कोकास -   Vivek Rastogi ,Suresh Chiplunkar ,Hind Yugm -टीम, Ram Krishna Gautam ,Hello Mithila >> Mithilak Gap Maithili Me -,

5 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

5०००० पाठक
कोई आसान काम नहीं
..........बहुत बहुत बधाई दादा इस उपलब्धि के लिए

संजय भास्‍कर ने कहा…

प्रकाश पर्व( दीपावली ) की आप तथा आप के परिजनों को मंगल कामनाएं.

Patali-The-Village ने कहा…

दीवाली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|

उन्मुक्त ने कहा…

बधाई।

Nitin Kumar Patel ने कहा…

aap ko baht bahut shubhkanaye...

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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