एक : अपने वज़ूद के बारे में
हम जो
भयभीत हैं
बिना रीढ़ की हड्डी वाले
जीव से
हम लोग जो
किये जा रहे हैं
समझौते
लगातार मुंह झुकाए
व्यवस्था की विद्रूपताओं से
भयभीत हैं
बिना रीढ़ की हड्डी वाले
जीव से
हम लोग जो
किये जा रहे हैं
समझौते
लगातार मुंह झुकाए
व्यवस्था की विद्रूपताओं से
आईना देखिये और 
एक बार पूछिये खुद से .. 
"अपने वज़ूद के बारे में"
"अपने वज़ूद के बारे में"
खुद से एक सवाल 
कहीं ’ तलुवे जीभ से चाटते
पालतू तो नहीं दिख रहैं..?
कहीं ’ तलुवे जीभ से चाटते
पालतू तो नहीं दिख रहैं..?
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दो :मुझे कानों से देखने लगे हो..?
मुझे तुम जानते नहीं
पहचानते नहीं
फ़िर भी मेरे बारे में 
अफ़वाह फ़ैलाते तुम..!!
अफ़वाह फ़ैलाते तुम..!!
शायद भयभीत हो 
मुझसे ?
पर क्यों .. 
क्या तुम भी मुझे कानों से देखने लगे हो
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तीन:एक एहसास
तुमको अनुमति
थी न 
कि तुम मेरे सामने 
ज़हर का प्याला 
तैयार कर 
मुझे विषपान कराओ..!
पर ये क्या ?
तुम विश्वास-घात
कर रहे हो
अब शायद ही माफ़ करूं तुमको 
हां..तुम को जो 
विश्वासघाती हो गये हो ..!! 
 
 
 
