उनकी आवाज़ाही व्यस्तता की विवषता और कमज़ोर स्वास्थ्य के बावज़ूद ब्लाग पे आना जाना जारी रखते थे.
मिसफ़िट पर आना उनकी आदत में था ऐसा नहीं कि डाक्टर साब केवल फ़ालो किए ब्लाग पर ही जाते थे..
ब्लाग्स जो वे फ़ालो करते थे
" अलबरूनी का भारत" गिरीश बिल्लौरे मुकुल लेखक एवम टिप्पणीकार भारत के प्राचीनतम इतिहास को समझने के लिए हमें प...
5 टिप्पणियां:
Bhaavnhini Shradhaanjali....
उनसे मिलने का सौभग्य मुझे कभी नहीं मिला, लेकिन मैं जिस व्यक्ति से एक बार मिलने का प्रबल इच्छुक था उसके असामयिक निधन से दुखी हूँ ...
विनम्र श्रद्धांजलि !
विनम्र श्रद्धांजली...
बड़ी क्षति हुई है ब्लाग जगत को. डाक्टर साहब बढ़िया लिखते थे और सच्ची बात लिखते थे..
डाक्टर साहब को ब्लाग जगत में कुछ पीढ़ा भी झेलनी पड़ी थी..
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