16.8.11

अन्ना गांधी वर्सेस ..अदर.गांधी....भाग दो

अन्ना की कहानी अन्ना की जुबानी
वो लोग जो  लोग को पसंद नहीं करते हैं वो मानतें हैं कि अन्ना हज़ारे "व्यक्तिवादी हैं." अन्ना की शिक़ायत करते हुए कोई कह रहें हैं कि अन्ना एक  के इर्द गिर्द अराज़कों का जमवाड़ा है..
आप खुद देखिये यहां  
अन्ना के लिये लोग जो भी कहें या अन्ना अपने बारे में जो भी कहें.. एक बात तो सही है
"होना तय है क्योंकि भ्रष्टाचार है ही अति संवेदन शील मुद्दा "

4 टिप्‍पणियां:

Shikha Kaushik ने कहा…

सटीक बात कही है आपने .सार्थक लेखन हेतु बधाई .
slut walk

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

corruption ke khilaaf to main apne dushman ke saath bhi kandha milakar khada rahoonga,,

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

ek बार सूरत बदलनी ही चाहिये

Dr Varsha Singh ने कहा…

एक दिन सूरत बदलेगी ही "मुकुल" जी.....

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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